Mahakal Divya Darshan: महाकालेश्वर ने पंचमुखारविंद स्वरूप में दिए दर्शन, साल में 1 बार नजर आता है ये श्रृंगार

Diksha Bhanupriy
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Mahakal Divya Darshan

Mahakal Divya Darshan Ujjain: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में हर त्योहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सबसे पहले यहां त्योहारों की शुरुआत होती है जो कई दिनों तक मनाए जाते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व भी मंदिर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया जो अभी तक चल रहा है।

यहां करें Mahakal Divya Darshan

शिवरात्रि के पहले मंदिर में शिव नवरात्रि का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हर दिन बाबा भक्तों को अलग-अलग मुखौटे में दर्शन देते हैं। इसके बाद शिवरात्रि पर विशेष पूजन अर्चन कर दूसरे दिन महाकाल को सेहरा चढ़ाया जाता है और सप्तधान अर्पित किए जाते हैं।

Mahakal Divya Darshan

यह सब होने के बाद महाकालेश्वर का पंचमुखारविंद श्रृंगार किया जाता है, जो वर्ष भर में सिर्फ एक बार देखने को मिलता है। मंगलवार को मंदिर में यह श्रृंगार किया गया जिसे निहारने के लिए भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी।

ऐसी है महाकाल की परंपरा

महाकाल मंदिर में लंबे समय से चली आ रही परंपरा के मुताबिक दोपहर में हुई संध्या पूजन के बाद महाकालेश्वर का मन महेश, शिव तांडव, होलकर, उमा महेश और छबीना मुखारविंद में विशेष श्रृंगार किया गया।

शिव नवरात्रि के दौरान बाबा इन्हीं स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। मान्यताओं के मुताबिक इन रूपों के दर्शन करना अच्छा माना जाता है। जो भक्त शिव नवरात्रि के दौरान यह स्वरूप नहीं देख पाते हैं, वह महाशिवरात्रि के बाद एक साथ बाबा को पंचमुखारविंद श्रृंगार में देख सकते हैं।


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