Mahakal Income Raised: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में जब से महाकाल लोक का निर्माण हुआ है, भक्तों की संख्या में तेजी से इजाफा देखा गया है और मंदिर की आय भी 1 साल में 3 गुना से ज्यादा हो गई है। अप्रैल और मई के महीने की बात करें तो भक्तों के दान से बाबा महाकाल का खजाना बढ़ गया है और सिर्फ 2 महीने में 27.77 करोड़ की आय मंदिर समिति को हुई है।
यह सारा दान गर्भ ग्रह दर्शन, भस्म आरती अनुमति, शीघ्र दर्शन और दान पेटी में डाले गए दान से प्राप्त हुआ है। जिस तरह से कमाई बढ़ी है उस तरह से खर्च भी बढ़कर दोगुना हो गया है। पहले जहां ढाई करोड़ रुपए प्रति महीना खर्च होता था वह अब 5 करोड़ से ज्यादा पर पहुंच गया है।
बढ़ी Mahakal Income
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर को महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। जिसके बाद देश और दुनिया भर से लोग यहां पर पहुंच रहे हैं। आने वाले श्रद्धालु दान करने के साथ मंदिर में चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों का लाभ उठा रहे हैं, जिसके चलते अचानक से ही मंदिर की आय में वृद्धि हुई है।
मंदिर में लगी दान पेटियों में दान
देने के साथ भक्त ऑनलाइन सुविधा का आप भी उठा रहे हैं। यहां से वो एडवांस बुकिंग कर मंदिर के दान में बड़ा सहयोग दे रहे हैं।
किस महीने कितनी आय
अप्रैल 2023 में मंदिर समिति को विभिन्न दर्शन सिस्टम और भस्मारती अनुमति से 14. 26 करोड़ की आय हुई थी। बीते साल अप्रैल में यह आंकड़ा 3.20 करोड़ रुपए ही था। महाकाल लोक से पहले खर्च ढाई करोड़ पड़ रहा था जो अब 5 करोड़ से ज्यादा है।
इनसे होती है आय
समिति द्वारा शीघ्र दर्शन, गर्भगृह दर्शन, भस्मारती अनुमति सभी की सुविधा ऑनलाइन शुरू कर दी गई है। पहले सिर्फ भस्म आरती की सुविधा ऑनलाइन थी लेकिन अब गर्भ गृह परमिशन और शीघ्र दर्शन भी ऑनलाइन कर दिए गए हैं, जिससे भक्तों को घर बैठे सुविधा मिल जाती है।
पहले बिना शुल्क चुकाए सारी सुविधाओं का लाभ भक्तों द्वारा उठाया जाता था। लेकिन अब सब बंद हो चुका है जिसका सीधा असर मंदिर की आय पर दिखाई दे रहा है और इसमें कई गुना इजाफा हुआ है। मंदिर में चलाई जा रही सुविधाओं में गर्भगृह प्रवेश के लिए 750 रुपए शीघ्र दर्शन के 250 रुपए भस्म आरती के 200 रुपए लिए जाते हैं। सभी सुविधाएं ऑनलाइन है, इस वजह से जो श्रद्धालु इनका लाभ उठाना चाहते हैं वह पहले से ही एडवांस बुकिंग करवा लेते हैं। इसके अलावा मंगलवार से शुक्रवार तक 12:30 से 4:30 तक गर्भ गृह में निशुल्क प्रवेश लिया जा सकता है। इस सुविधा के तहत करीब 12000 श्रद्धालु रोजाना दर्शन करते हैं।
खर्च में हुई बढ़ोत्तरी
महाकाल लोक बनने के पहले मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था जो विस्तारीकरण के दोनों फेज पूरे होने के बाद 47 हेक्टेयर हो जाएगा। मंदिर में 306 कर्मचारी हैं, उनकी सैलरी के साथ सुरक्षा, साफ-सफाई, रखरखा,व पर्व के दौरान व्यवस्था, धर्मशाला, महाकाल वैदिक शोध संस्था, गौशाला, अन्न क्षेत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसी चीजों पर सबसे ज्यादा खर्च होता है। इसके साथ आने वाले मुख्य त्योहारों महाशिवरात्रि, सावन, नाग पंचमी पर सबसे ज्यादा धनराशि खर्च होती है। महाकाल लोक के विस्तारीकरण के बाद आय और खर्च दोनों में ही बढ़ोतरी हुई है।