Mahakal Ranpanchami Celebration: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में हर त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। होली और रंग पंचमी पर भी यहां जमकर अबीर गुलाल उड़ता है और राजाधिराज अपने भक्तों के साथ यहां जमकर होली खेलते हैं। महाकाल की इस होली में शामिल होने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पर पहुंचते हैं।
इस बार होली के मौके पर मंदिर में आगजनी की घटना हो गई। जिसके चलते अब आने वाली रंग पंचमी को लेकर काफी एहतियात बरता जा रहा है। यह फैसला लिया गया है की भस्म आरती में केवल केसर और पलाश के फूलों से बनाया गया एक लोटा रंग ही बाबा महाकाल को अर्पित किया जाएगा। पंडे पुजारी बाबा को यह रंग अर्पित करेंगे।
फूलों के रंग से होली
जानकारी के मुताबिक महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को फूलों से बना हुआ रंग एक लोटा जल के रूप में पुजारी द्वारा अर्पित किया जाएगा। इसी जल से गर्भगृह में मौजूद देवी पार्वती, कार्तिकेय और श्री गणेश की मूर्ति को भी जल अर्पित किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर में किसी भी प्रकार से रंग गुलाल का उपयोग नहीं होगा।
भक्तों की होगी जांच
भस्म आरती के दौरान किसी भी तरह से रंग गुलाल का उपयोग नहीं किया जाएगा। जो भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आएंगे उनकी जांच की जाएगी। जांच के बाद ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा और उसके अलावा अंदर औचक जांच भी होगी। जो व्यक्ति संदिग्ध दिखेगा उसकी जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उज्जैन कलेक्टर और महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में ये सारे निर्णय लिए गए हैं।
भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या
महाकाल में होने वाली भस्म आरती के दर्शन करने के लिए देश दुनिया भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। हर किसी की विशेष इच्छा होती है कि वह भस्मारती का हिस्सा बन सके। इस व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए अब यह रिव्यू किया जा रहा है कि आरती के दौरान कितने श्रद्धालु आराम से गणेश मंडपम और नंदी हॉल में बैठ सकते हैं। रिव्यू होने के बाद भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय की जा सकती है।
घायलों को मदद और जांच रिपोर्ट
धुलेंडी के दिन महाकाल में आग लगने की घटना के कलेक्टर द्वारा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए थे। इसके लिए एक टीम बनाई गई थी जिसे 3 दिन में जांच रिपोर्ट पेश करना थी। दिए गए समय के मुताबिक आज रिपोर्ट पेश की जा सकती है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। वहीं घटना में घायल हुए लोगों को मुख्यमंत्री द्वारा एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। वहीं मंदिर समिति भी आग की चपेट में आए घायलों को एक-एक लाख की आर्थिक मदद करेगी।