Mahakaleshwar: साल 2023 की शुरुआत हो चुकी है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक देश के एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उज्जैन (Ujjain) में उमड़ पड़ा है। मंदिर समिति की ओर से दर्शन करवाने के लिए अलग से व्यवस्था तैयार की गई है। दोपहर तक 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच चुके थे और 6 लाख से ज्यादा भक्तों के आने का अनुमान है।
राजा स्वरूप में महाकाल
सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खुलने के बाद बाबा का दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद बाबा का राजा स्वरूप में श्रृंगार हुआ और मस्तक पर त्रिपुंड उनके साथ मोगरे और सूखे मेवे की माला अर्पित की गई।
6 बजे से भक्तों का हुजूम
भस्म आरती होने के बाद सुबह 6 बजे से बाबा के दर्शन का क्रम शुरू हो गया था। महाकाल लोक (Mahakal Lok) के नंदी द्वार से भक्तों की भीड़ को संभालने के लिए अधिकारी और कर्मचारी मशक्कत करते दिखाई दिए। समय बढ़ने के साथ भीड़ का दबाव भी बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा था। व्यवस्था के अंतर्गत सामान्य श्रद्धालु 45 मिनट से 1 घंटे के अंदर बाबा के दर्शन कर पा रहे हैं।
भस्म आरती की लिए रात से भीड़
बाबा महाकाल की विशेष भस्म आरती के लिए अनुमति पाने के लिए रात 1 बजे से ही श्रद्धालुओं की कतार लगने लगी थी। हर कोई अपने आराध्य की झलक पाकर अपने नववर्ष की शुरुआत करने के लिए आतुर दिखाई दे रहा था। समिति की ओर से सीमित संख्या में ही भस्म आरती के लिए अनुमति जारी की गई थी। आरती के बाद लाखों श्रद्धालु कतार में दर्शन करने के लिए खड़े हुए थे और जैसे ही इन्हें दर्शन के लिए छोड़ा गया पूरा मंदिर परिसर जय महाकाल के उद्घोष से गूंज उठा।
दर्शन के बाद निर्गम
बाबा महाकाल की झलक पाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। इसको देखते हुए दर्शन करने के बाद किसी को भी मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है बल्कि सीधे निर्गम द्वार से बाहर भेजा जा रहा है। यही वजह है कि मंदिर में भीड़ भाड़ नहीं लग पा रही है और श्रद्धालुओं को दर्शन करने में ज्यादा समय नहीं लग रहा है। महाकाल लोक का निर्माण हो जाने की वजह से सुविधा पूर्वक दर्शन कराने के लिए बड़ी जगह उपलब्ध है जिससे व्यवस्थाएं ज्यादा प्रभावित नहीं हो रही है।
ऐसी है दर्शन व्यवस्था
सामान्य दर्शन: दर्शन करने के लिए श्रद्धालु हरसिद्धि मंदिर, जयसिंह पुरा होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय के पास बनी पार्किंग में जूता चप्पल स्टैंड से होते हुए मुख्य प्रवेश द्वार से नंदी द्वार और मानसरोवर भवन से बाबा महाकाल के दर्शन कर रहे हैं। दर्शन करने के बाद महाकाल लोक से मानसरोवर भवन की बैरिकेडिंग से होते हुए पिनाकी द्वार से बाहर आकर पुनः जूते चप्पल एकत्रित कर गंतव्य के लिए रवाना किया जा रहा है।
शीघ्र दर्शन: जिन श्रद्धालुओं ने शीघ्र दर्शन का टिकट लिया है उन्हें बड़े गणेश के सामने बने चार नंबर गेट से प्रवेश देकर दर्शन करवाते हुए निर्गम द्वार से हरसिद्धि मंदिर के रास्ते से वापस लौटाया जा रहा है। त्रिवेणी पार्किंग और कर्कराज पार्किंग पर शीघ्र दर्शन टिकट के काउंटर लगाए गए थे।
पार्किंग व्यवस्था
सबसे अधिक वाहन इंदौर रोड की ओर से आ रहे है। जिनके लिए हरी फाटक ब्रिज के पास से कर्कराज पार्किंग में वाहन खड़े करने की व्यवस्था है। वाहन पार्क कर त्रिवेणी सर्फेस पार्किंग में जूते चप्पल उतारकर नंदी द्वार और मानसरोवर भवन से दर्शन कर निर्गम द्वार से यह श्रद्धालु वापस महाकाल लोक के मानसरोवर भवन और पिनाकी द्वार से सर्फेस पार्किंग पहुंचकर अपने वाहन वापस ले सकेंगे।
नहीं पहुंचे वीआईपी
नए साल का पहला दिन रविवार होने के चलते मंदिर में भक्तों का हुजूम ज्यादा देखा जा रहा है। नया वर्ष होने की वजह से राजनेता, मंत्रियों और अन्य वीआईपी भस्मारती में पहुंचते हैं लेकिन यह लगातार तीसरा साल है जब कोई भी वीआईपी मंदिर में नहीं पहुंचा, जिससे व्यवस्था संभालने में ज्यादा परेशानी का सामना अधिकारियों और कर्मचारियों को नहीं करना पड़ा। अनुमति लेने वाले श्रद्धालुओं ने सुगमता से आरती में भाग लिया और इसके बाद सामान्य दर्शन की प्रक्रिया शुरू की गई।