Namami Gange Project Ujjain: हर थोड़े दिन में शिप्रा को गंदे पानी से बचाने और प्रवाहमान बनाने के लिए कोई ना कोई योजना का सहारा लिया जाता है और दावा किया जाता है उसके बाद जितनी भी समस्या है, वह समाप्त हो जाएगी। इसी कड़ी में अब नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत शिप्रा को प्रवाहमान बनाने के दावे किए जा रहे हैं।
उज्जैन में Namami Gange Project
इसके तहत शहर के दूषित पानी को ट्रीट कर शिप्रा में छोड़ा जाएगा और इसे सिंचाई के लिए किसानों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शिप्रा को राष्ट्रीय गंगा मिशन में शामिल करते हुए इस प्रोजेक्ट के लिए लगभग 93 करोड़ के बजट को स्वीकृति दी गई है।
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दो दिन पहले ही मेयर इन काउंसिल की बैठक में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है, जिसके बाद अधिकारी तैयारी में जुट गए हैं। महापौर मुकेश टटवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मेसी में नमामि गंगे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है और टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है।
ऐसे डलेगा प्लांट
शहर के पीलिया खाल नाले पर 22 एमएलडी का एसटीपी स्थापित किया जाएगा। इसी के साथ 920 मीटर लंबी मैन पाइप लाइन और 2000 किलोमीटर लंबी सीवेज वाटर ट्रीटमेंट पाइपलाइन डाली जाएगी।
भैरवगढ़ नाले पर 2.38 एमएलडी क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसी के साथ 500 मीटर लंबी मैन पाइपलाइन और 1500 मीटर लंबी सीवेज वाटर ट्रीटमेंट पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
ऐसे होगा काम
पीलिया खान और भैरवगढ़ नाले से जितना भी दूषित पानी है उसे ट्रीट कर शिप्रा में छोड़ा जाएगा।
अधिकारियों द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक इससे करीब ढाई करोड़ लीटर पानी ट्रीट हो सकेगा।
ट्रीट किए गए पानी में से 80 फ़ीसदी शिप्रा में जोड़ा जाएगा और बाकी 20 फ़ीसदी किसानों को सिंचाई के लिए मुहैया करवाया जाएगा।
टेंडर की प्रक्रिया में जिस ठेकेदार को चुना जाएगा वही 15 वर्ष तक इसके संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा।