अब महाकाल की भस्म आरती में मिलेगा निःशुल्क प्रवेश, ड्रेस कोड में होंगे बाबा के दर्शन

Diksha Bhanupriy
Published on -
Mahakal bhasma aarti

Mahakal Bhasma Aarti: उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है और यहां मौजूद दक्षिण मुखी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल के दरबार में रोज सुबह 4 बजे विशेष भस्म आरती की जाती है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर भोलेनाथ को भस्म अर्पित की जाती है।

विशेष तौर पर आयोजित की जाने वाली इस भस्म आरती के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। इसमें शामिल होने के लिए भक्तों को परमिशन लेना पड़ती है। इस आरती में शामिल होने के लिए आने वाले उज्जैन के स्थानीय निवासियों को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया है।

उज्जैनवासियों को नि:शुल्क प्रवेश

महाकाल मंदिर में दर्शन करने आने वाले उज्जैन के निवासियों को कुछ दिनों पहले से आधार कार्ड के जरिए शीघ्र दर्शन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इन श्रद्धालुओं को मंदिर में अलग गेट से एंट्री दी जाती है जिससे यह बाबा महाकाल के दर्शन करते हुए अन्य श्रद्धालुओं के साथ मंदिर से बाहर निकल जाते हैं। स्थानीय लोगों की सुविधा को बढ़ाते हुए अब भस्म आरती के लिए भी निर्णय लिया गया है। मंदिर समिति द्वारा यह तय किया गया है कि प्रति मंगलवार को 300 से 400 श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भस्म आरती का लाभ दिलवाया जाएगा। इसके बाद अब उज्जैन के स्थानीय निवासी मंगलवार के दिन भस्म आरती में बिना किसी शुल्क के प्रवेश ले सकेंगे और बाबा का दीदार कर सकेंगे।

इतना लगता है शुल्क

बता दें कि भस्म आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को परमिशन लेना होती है। जिसके लिए प्रति व्यक्ति से 200 रुपए चार्ज लिया जाता है। लेकिन अब हर मंगलवार को उज्जैन के लोग बिना किसी शुल्क के अपना आधार कार्ड दिखाकर आराम से दर्शन कर सकेंगे।

मंदिर में ड्रेस कोड

भस्म आरती की इस सुविधा के अलावा मंदिर में गर्भ गृह में प्रवेश को लेकर भी नियम कायदे बनाए जा रहे हैं। बता दें कि सावन भादो मास होने से पिछले कुछ समय से मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश बंद है, श्याम श्रद्धालुओं के लिए फिर से शुरू किया जाने वाला है। प्रवेश शुरू होने से पहले इसकी व्यवस्था को बदलने की तैयारी की जा रही है।

नई व्यवस्था के मुताबिक अब ड्रेस कोड के आधार पर श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में प्रवेश मिलेगा। पहले इस तरह का नियम नहीं था लेकिन अब दर्शन करने आने वाले पुरुषों को धोती कुर्ता और सोला पहन कर आना होगा। वहीं महिलाओं को साड़ी पहनकर प्रवेश मिलेगा। 10 वर्ष से कम उम्र की बालिकाएं सूट पहन कर गर्भ गृह में प्रवेश कर सकती हैं।


About Author
Diksha Bhanupriy

Diksha Bhanupriy

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

Other Latest News