Panchkroshi Yatra 2023 Ujjain: हर साल उज्जैन में होने वाली 118 किलोमीटर की पैदल पंचक्रोशी यात्रा पूरी कर बुधवार को यात्रियों के जत्थे ने नगर में प्रवेश कर लिया है। जय महाकाल और बोल बम के जयकारे लगाते हुए यात्री अलग-अलग टुकड़ी में नगर में प्रवेश करते हुए दिखाई दिए, जिनका नगर वासियों ने फूल-माला पहनाकर और स्वल्पाहार करवाकर स्वागत किया।
Panchkroshi Yatra 2023 कर लौटे श्रद्धालु
पंचक्रोशी यात्रा की बात करें तो इस बार भी महिलाओं और बच्चों के साथ उम्र दराज लोगों को बड़ी संख्या में इस धार्मिक यात्रा का लाभ लेते हुए देखा गया। 118 किलोमीटर का लंबा सफर तय करने के बावजूद भी यात्रियों के चेहरे पर किसी भी प्रकार की शक्ल नहीं दिखाई दे रही थी।
आगर रोड स्थित विश्व बैंक कॉलोनी के रास्ते से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नगर में प्रवेश किया और इस दौरान उनके चेहरे पर यात्रा पूरी होने की उमंग साफ तौर पर दिखाई दे रही थी। इस दौरान महापौर मुकेश टटवाल, विधायक पारस जैन, निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह, एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी, नेता प्रतिपक्ष रवि राय, डॉक्टर योगेश्वरी राठौर, दुर्गा शक्ति सिंह चौधरी, रजत मेहता, समेत पार्षदों और जनसंपर्क अधिकारी और कर्मचारी संघ के सदस्यों ने यात्रियों का स्वागत कर उन्हें स्वल्पाहार वितरित किया। अलग-अलग जगह पर कई सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने भी यात्रियों को सामग्री वितरित की।
नागचंद्रेश्वर को लौटाया बल
नगर में प्रवेश करने के बाद श्रद्धालु चामुंडा माता चौराहा, देवास गेट, मालीपुरा, नई सड़क, कंठाल, गोपाल मंदिर होते हुए पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर पर दर्शन करने के लिए पहुंचे। यहां पर भक्तों ने महादेव से दर्शन लेकर जो बल प्राप्त किया था, उसे घोड़े चढ़ा कर वापस लौटाया।
मान्यता के मुताबिक यात्रा शुरू करते समय यात्री महादेव मंदिर में नारियल चढ़ाकर कर भगवान से आशीर्वाद लेते हैं और कहते हैं कि उन्हें पूरी यात्रा में घोड़े जैसे दौड़ने की शक्ति दे। वहीं जब उनकी यात्रा पूरी हो जाती है तो वह घोड़े चढ़ा कर भगवान से लिए गए इस बल को वापस कर देते हैं।
नागचंद्रेश्वर में बल वापस करने के बाद अब यह यात्री सुबह शिप्रा स्नान करने के बाद भूखी माता और रणजीत हनुमान के रास्ते होते हुए अष्ट तीर्थ के दर्शन कर मंगलनाथ जाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक अष्ट तीर्थ के दर्शन करने के बाद ही पंचकोशी यात्रा को पूरा माना जाता है। जो श्रद्धालु निर्धारित तिथि से पहले यात्रा शुरू कर चुके थे उनका प्रवेश मंगलवार को ही शहर में होने लगा था और वह अष्ट तीर्थ दर्शन कर चुके हैं।