Mangalnath Mandir: ऑनलाइन पूजन के नाम पर श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़, प्रशासन को लग रहा करोड़ों का चूना

Diksha Bhanupriy
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Mangalnath Mandir

Mangalnath Mandir Ujjain: उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर में भात पूजा कराने का बहुत महत्व माना जाता है। मंगल दोष के निवारण के लिए बड़ी संख्या में भक्त यहां पर पूजन अर्चन करवाने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन आजकल यहां एक अलग ही माहौल देखा जा रहा है क्योंकि भक्तों की ऑनलाइन बुकिंग कर पूजन करवाई जा रही है। जिससे ना सिर्फ शासन और प्रशासन बल्कि भक्तों को भी लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।

मंगलनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजा

जानकारी के मुताबिक कुछ ऑनलाइन वेबसाइट संचालक देश-विदेश में बैठे भक्तों को घर बैठे ऑनलाइन पूजन अर्चन कराने की सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं। एक नहीं कई संचालक है जो ऑनलाइन बुकिंग करते हैं और इसके बाद संबंधित पुजारियों से संपर्क कर पूजन अर्चन करवा देते हैं।

मनमाना शुल्क

जो वेबसाइट संचालक हैं, वह दर्शनार्थियों से ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर मनमाना शुल्क वसूलते हैं और निर्धारित किए गए शुल्क का भुगतान पुजारियों को करने के बाद बची हुई राशि खुद रख लेते हैं। ये पहली बार नहीं है महाकाल, मंगलनाथ, हरसिद्धि समेत कई मंदिरों से संबंधित वेबसाइट के बारे में पहले भी खुलासे हो चुके हैं। हालांकि, तमाम शिकायतों के बावजूद भी इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

ऐसे होती है पूजा

मंगलनाथ मंदिर में ऑनलाइन पूजन करवाने का यह क्रम लंबे समय से चला आ रहा है। पुजारी वेबसाइट संचालकों के जरिए कई सारे श्रद्धालुओं की पूजा करवाने का ठेका ले लेते हैं। इसके बाद मंदिर में सिर्फ एक रसीद कटवाकर भगवान को एक बार भात अर्पित कर सभी श्रद्धालु के नाम और गोत्र का उच्चारण कर पूजन करवा देते हैं। कुछ लोगों को ऑनलाइन पूजन होते हुए भी दिखाई जाती है।

धर्म का खेल

अलग-अलग श्रद्धालुओं की पूजा एक ही बार करवाने के मामले में मंदिर प्रशासन का कहना है कि रसीद भी अलग कटवानी चाहिए। लेकिन पुजारियों का कहना है कि जब भात एक बार चढ़ रहा है तो वह रसीद 4 क्यों कटवाएंगे।

कुछ इस तरह से वेबसाइट संचालकों के साथ मिलकर पुजारी श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी करने में जुटे हुए हैं। भक्तों से पूजन के लिए राशि तो अलग-अलग वसूली जा रही है लेकिन उनकी पूजन अलग-अलग नहीं हो रही है। पुजारी अपना हिस्सा लेकर एक बार भात चढ़ा देते हैं और श्रद्धालुओं को वीडियो भेज दी जाती है और कह दिया जाता है कि आपकी पूजा संपन्न हो गई है। इस तरह से श्रद्धालुओं की आस्था और सरकार के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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