Harihar Milan: उज्जैन में बीती रात देवताओं के मिलन का अद्भुत नजारा देखने को मिला। जब आदि अनंत शिव ने सृष्टि का भार जगत पालनकर्ता श्री हरि विष्णु को सौंपा तो चारों ओर भगवान के जयकारे गूंजने लगे। बैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर रात 11:30 बजे महाकाल से निकली सवारी आधी रात में गोपाल मंदिर पहुंची और परंपरा अनुसार माला बदलकर सृष्टि के हस्तांतरण की रस्म को निभाया गया। इस अलौकिक पल को हरिहर मिलन के नाम से पहचाना जाता है।
महाकाल और द्वारकाधीश के जयकारे
चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं। इस समय सृष्टि का भार भगवान शिव पर होता है। अब देवउठनी एकादशी पर विष्णु जी के जागने के बाद भोलेनाथ ने एक बार फिर सृष्टि के संचालन के जिम्मेदारी भगवान विष्णु को सौंप दी है। महाकाल मंदिर के सभा मंडप में पूजन अर्चन के बाद रात 11:30 बजे बाबा महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर के लिए रवाना हुई। सवारी मार्ग पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर बाबा का स्वागत किया गया और खूब आतिशबाजी हुई। सवारी मार्ग पर दोनों और बेरिकेड्स लगाए गए थे और हर जगह भगवान महाकाल और द्वारकाधीश के जयकारे गूंज रहे थे।