शाही सवारी में 10 स्वरूपों में दर्शन देंगे महाकाल, लाखों भक्त होंगे शामिल, इन मार्गों पर रहेगा प्रतिबंध

Diksha Bhanupriy
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Mahakal Shahi Sawari: उज्जैन में सावन भादो मास में बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इस बार अधिक मास होने के चलते सवारी का ये क्रम 10 नंबर पर पहुंच चुका है और यह बाबा महाकाल की आखिरी और शाही सवारी है, जिसे आज निकाला जाने वाला है। आज भोलेनाथ 10 स्वरूपों में अपनी प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

सवारी में लाखों भक्तों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसे देखते हुए प्रशासन पुख्ता व्यवस्था की तैयारी कर चुका है। अब तक बाबा महाकाल की जितनी भी सवारी निकली है उसमें खूब जनसैलाब उमड़ा है और शाही सवारी में भी यही नजारा देखने को मिलने वाला है। इस बार सवारी में बाबा के 10 मुखौटों के साथ 70 भजन मंडली और 10 बैंड शामिल होंगे। कई मार्ग इस दौरान प्रतिबंधित रहने वाले हैं और स्कूलों का अवकाश घोषित कर दिया गया है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

महाकाल की शाही सवारी में शामिल होने के लिए लाखों भक्तों का काफिला उज्जैन पहुंचता है। 7 किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर लगभग 6 घंटे तक भक्ति का उल्लास देखने को मिलता है। शाम 4 बजे भ्रमण पर निकली पालकी 10 बजे पुनः मंदिर पहुंचती है। इस सवारी में लाखों भक्तों के आने की उम्मीद के चलते सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और आसपास के जिलों से पुलिस के जवानों को ड्यूटी पर बुलाया गया है।

परंपरा के मुताबिक शाम 4 बजे सभा मंडपम में पूजन अर्चन के पश्चात बाबा की सवारी मंदिर के गेट पर पहुंचेगी। यहां सशस्त्र बलों की टुकड़ी राजाधिराज को गार्ड ऑफ ऑनर देगी, जिसके बाद सवारी का क्रम शुरू होगा।

10 स्वरूपों में महाकाल

शाही सवारी बाकी सवारियों को अपेक्षा बड़ी होती है और इसे राजसी ठाठ बाट से निकाला जाता है। आज की सवारी में भजन मंडलियों, कड़ा बीन, घुड़सवारों और ध्वज के साथ शिव के 10 स्वरूपों के दर्शन होंगे। पालकी में चंद्रमौलेश्वर, नंदी पर उमा महेश, गरूड़ रथ पर शिव तांडव, डोल रथ पर होल्कर स्टेट, हाथी पर मनमहेश, सप्तधान, चंदेश्वर, रुद्रेश्वर और जटाशंकर स्वरूप में बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देंगे और हर मुखारविंद के साथ एक बैंड निकलेगा।

21 मार्ग प्रतिबंधित

शाही से बारे में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पूरे शहर में दोपहर 12 बजे से ही 21 मार्च को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। लोकल के अलावा बाहर से आने वाले लोगों के लिए चार पार्किंग स्थल तैयार कर दिए गए हैं, जो चारों दिशाओं में है। यहां श्रद्धालु अपने छोटे से बड़े वाहन पार्क कर सकते हैं और 10 आकस्मिक मार्ग भी तैयार किए गए हैं। महाकाल सवारी मार्ग क्षेत्र में आने वाले सभी रास्तों पर वाहन प्रतिबंध रहेंगे। जिन लोगों को सवारी देखनी है और इन मार्गों से निकलना है उन्हें पैदल ही अपना सफर तय करना होगा। गुदरी चौराहा से लगाकर रामघाट हो या फिर गोपाल मंदिर, छत्री चौक, कमरी मार्ग, क्षीरसागर तोपखाना और कंठाल पूरे शहर में कई मार्गों पर प्रतिबंध रहने वाला है।

वाहन पार्किंग व्यस्था

  • जो श्रद्धालु आगर रोड से आने वाले हैं वह मकोडिया हमसे चौक होते हुए शंकराचार्य चौराहा से निकाल कर कार्तिक मेला ग्राउंड पहुंचकर अपने वहां रख सकेंगे।
  • बड़नगर रोड से आने वाले लोगों को मुल्लापुर होते हुए कार्तिक मेला ग्राउंड पहुंचना पड़ेगा और वह यहां अपने वहां रख सकते हैं।
  • उन्हेल रोड से आने वाले श्रद्धालु भैरवगढ़, पिपलीनाका, शंकराचार्य चौराहा होते हुए कार्तिक माला ग्राउंड पहुंचेंगे।
  • इंदौर, देवास और मक्सी रोड से आने वाले वाहन हरी फटक ब्रिज के नीचे मौजूद पार्किंग और जंतर मंतर से लालपुल होते हुए भील समाज पार्किंग में वाहन रख सकते हैं।

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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