उज्जैन, योगेश कुल्मी। महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal temple) के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच के लिये सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर केंद्रीय भवन अनुसंधान (CBRI) संस्था रुड़की की टीम उज्जैन (Ujjain) पहुंची है। इस चार सदस्यीय टीम द्वारा महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर और अलग अलग जगहों पर लगी पत्थर निर्माण सामग्री की जांच कर स्ट्रक्चर की मजबूती का पता लगाने का काम किया गया। मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती जांचने के लिए चार सदस्यीय टीम में डॉक्टर अचल मित्तल, दीपक एस, डॉक्टर देवदत्त घोष और ऋषभ अग्रवाल शामिल है जो विभिन्न यंत्रों से नापजोख कर स्ट्रक्चर की मजबूती जांच रहे हैं। टीम 24 सितंबर तक उज्जैन में रहेगी और अगले 6 महीने में केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के क्षरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सारिका गुरु द्वारा एक याचिका लगाई गई थी जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में मंदिर के पूरे स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच करने के आदेश दिए थे। इसके लिये केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की द्वारा टीम का गठन कर जांच के लिये कहा गया साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि इस काम में आने वाले 41 लाख की राशि का वहन महाकाल मंदिर समिति द्वारा किया जाएगा।
महाकाल के बाहरी स्ट्रक्चर के साथ ही महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के संरक्षण को रोकने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने अहम दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि शिवलिंग पर कोई रगड़ नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी भक्त को शिवलिंग को रगड़ने की अनुमति नहीं होगी। दही, घी और शहद का घिसना भी बंद कर देना चाहिए और शिवलिंग पर केवल शुद्ध दूध ही डालना चाहिए। यदि पुजारी या पुरोहित द्वारा कोई उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है, तो मंदिर समिति उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।