Simhastha 2028: साल 2028 में एक बार फिर उज्जैन में सिंहस्थ आयोजन किया जाने वाला है। 12 साल में एक बार होने वाले इस महाकुंभ में देश और दुनिया भर से साधु संत और भक्त पहुंचते हैं। इस दौरान यहां पर स्नान और कई तरह के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस महा आयोजन को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। बिजली कंपनी भी सक्रिय हो चुकी है। मेला क्षेत्र में 600 किलोमीटर लंबी बिजली लाइन डाले जाने की तैयारी की जा रही है। इसी के साथ 132 केवीए के दो नए सबस्टेशन तैयार होंगे और 450 ट्रांसफार्मर की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। यह सब कुछ इसलिए किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह से बिजली सप्लाई का संकट पैदा ना हो सके।
सुदृढ़ होगी बिजली व्यवस्था
सिंहस्थ मेला क्षेत्र में बिजली की अच्छी व्यवस्था करने के अलावा शहर की बिजली व्यवस्था को भी व्यवस्थित किया जाएगा। करीब 1,27,000 उपभोक्ताओं को बिना किसी रूकावट के लगातार बिजली मिलती रहेगी। इसके लिए 785 करोड़ का प्लान तैयार किया गया है। सिंहस्थ क्षेत्र 5000 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इतने बड़े क्षेत्र में कम से कम 360 मेगावाट बिजली की आवश्यकता पड़ेगी। इसी को देखते हुए ट्रांसफार्मर और सब स्टेशनों में क्षमता बढ़ाए जाने का प्लान है। सिंहस्थ 2016 में 333 मेगावाट बिजली लगी थी। लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का अनुमान है। जिसके चलते 360 मेगावाट बिजली का इंतजाम किया जाएगा।
शहरवासियों को होगा फायदा
मेला क्षेत्र में बिजली व्यवस्था निर्बाध रूप से रखने को लेकर कंपनी द्वारा जो तैयारी की जा रही है। उसका फायदा शहर वासियों को होने वाला है। नई व्यवस्था के तहत 1,27,000 उपभोक्ता ऐसे होंगे जिन्हें बिना रुके बिजली आपूर्ति होती रहेगी। शहर में जो बार-बार बिजली जाने की समस्या देखने को मिलती है उससे निजात मिल सकेगा। अतिरिक्त ट्रांसफार्मर और सबस्टेशन लगाए जाने से समस्या हल हो जाएगी।
यहां बनेंगे सबस्टेशन
त्रिवेणी और चिंतामणि क्षेत्र में दो सबस्टेशन तैयार किए जाने वाले हैं, जो 132 केवीए के होंगे। के अलावा शंकरपुर में जो सब स्टेशन बना हुआ है उसकी क्षमता 50 एमवीए की जाएगी। नानाखेड़ा, चिंतामण, वाल्मिकी धाम और चारधाम पर भी सबस्टेशन का निर्माण होगा। मेला क्षेत्र में 600 किलोमीटर बिजली लाइन डाली जाएगी ताकि सभी जगह बिजली पहुंचाई जा सके।