Ujjain News : क्षिप्रा की स्वच्छता पर खर्च और उज्जैन के विकास पर खर्च हुए करोड़ों रुपये को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर सवाल उठाये हैं, यहाँ मुख्य सीवर पाइप लाइन फूटने से गंदा पानी फव्वारे की तरह निकलकर पवित्र क्षिप्रा में मिल रहा है, कई घंटे बाद भी प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली, सूचना मिलने पर कांग्रेस विधायक एवं उज्जैन से कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार वहां पहुंचे और उन्होंने आसपास के लोगों से बात की, मामले की गंभीरता को समझते हुए वे उफनते सीवर के पास ही गंदे पानी में बैठ गए, उन्होंने क्षिप्रा में मिल रहे गंदे पानी में डुबकी भी लगाई, कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार को और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनौती दी वे क्षिप्रा में स्वच्छ जल का दावा करते हैं तो इस जल का आचमन करके दिखाएं।
उज्जैन से निकलने वाली क्षिप्रा नदी को मोक्षदायिनी कहा जाता है, मान्यता है कि समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश से अमृत की बूंदे क्षिप्रा में भी गिरी थी, यहाँ कुम्भ जैसा पवित्र मेला भी लगता है, बाबा महाकाल का स्थान भी इसी पवित्र नदी के पास है, पिछले कुछ वर्षों में क्षिप्रा की स्वच्छता पर करोड़ों रुपये खर्च किये गए , उज्जैन के विकास पर भी करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं लेकिन आज भी गंदे नाले क्षिप्रा में ही मिल रहे हैं और पवित्र नदी को अपवित्र कर रहे है।
हालाँकि सरकार और स्थानीय प्रशासन दावा करता है कि अब एक भी गंदा नाला क्षिप्रा में नहीं मिलता लेकिन शहर की मुख्य सीवर पाइप लाइन फूटने से उसका गंदा पानी तेज प्रवाह के साथ क्षिप्रा में मिलने लगा, नदी के रामघाट पर बनी सीढ़ियों से झरने की तरह गंदा पानी नदी में मिलने लगा जिसके चलते रामघाट और अन्य घाटों पर लोगों ने स्नान नहीं किया।
रात को अचानक फूटी सीवर लाइन का पानी लगातार नदी में मिलता रहा लोगों द्वारा शिकायत करने के बाद भी नगर निगम के अफसरों ने इसके लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई। सूचना मिलते ही कांग्रेस विधायक एवं लोकसभा प्रत्याशी महेश परमार क्षिप्रा नदी पहुंचे उन्होंने स्थानीय लोगों से बात की और शासन प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये, महेश परमार ने जिला कलेक्टर पर सरकार की कठपुतली बनकर काम करने के आरोप लगाये, कांग्रेस नेता ने कहा कि शासन प्रशासन को क्षिप्रा का पानी साफ लगता है तो एक बार यहाँ आयें मेरे साथ डुबकी लगायें और इस जल का आचमन करके दिखाएं।