सरकार पर फिर भारी ना पड़ जाए अफसरों की ये लापरवाही

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उज्जैन

शनैश्चरी अमावस्या पर हुई किरकिरी के बाद सरकार पूरी कोशिश मे लगी हुई है कि नर्मदा-शिप्रा के संगम हो जाए और श्रद्धालु शुद्ध जल से मकर संक्रांति पर स्नान करे। मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए है कि स्नान में कोई लापरवाही ना बरती जाए, समय पर क्षिप्रा में नर्मदा का जल पहुंचाया जाए। वही दूसरी तरफ एनवीडीए के अधिकारी उच्च अफसरों को दिखाने के लिए आनन-फानन में उल्टा-सीधा काम करवा रहे हैं। पानी का लेवल बढ़ाने डैम का पानी नदी में डाला जा रहा है, जिससे डैम का जलस्तर कम होता जा रहा है।वही पानी त्रिवेणी घाट पर डाला जा रहा है,जबकी स्नान रामघाट पर होना है।

दरअसल,पिछले हफ्ते उज्जैन में पानी ना पहुंच पाने के चलते शनि अमावस्या पर श्रद्धालुओं को कीचड़ में स्नान करके बाहर निकलना पड़ा था, इससे श्रद्धालुओं ने सरकार पर जमकर गुस्सा निकाला था।इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए नाराज़ सीएम कमलनाथ ने कमिश्नर औऱ कलेक्टर को हटा दिया था। इसके साथ ही निर्देश दिया था कि मकर संक्रांति के स्ननान में कोई लापरवाही नही होनी चाहिए, बावजूद इसके अधिकारियों में कोई सुधार नही देखने को मिल रहा हैं। उच्च अधिकारियों को अपना काम दिखाने के लिए  एनवीडीए के अधिकारी जल्दबाजी में त्रिवेणी घाट के पास क्षिप्रा नदी का पानी लिफ्ट करके फिर से शिप्रा नदी में डालवा रहे है।इसके लिए 10 से अधिक बड़े मोटर पम्प और जनरेटर लगाए गए हैं। शिप्रा नदी में गंभीर नदी का पानी भी डाला जा रहा है, जबकि स्नान रामघाट पर होना है औऱ गंभीर डैम से शहर में वॉटर सप्लाई की जाती है। अब डैम का पानी नदी में डालने से डैम खाली होता जा रहा है। जो कि आने वाले समय में संकट उत्पन्न करने वाला है। ऐसे में एनवीडीए के किसी अधिकारी पर गाज तय मानी जा रही है।वही स्नान को लेकर फिर सवाल खड़े होने लगे है कि क्या श्रद्धालु क्षिप्रा में शुद्ध जल से स्नान कर पाएंगें य़ा फिर….


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