संजय के हवाले गरीबों का सहारा, अफसरों की मदद से अरबों की जमीन का हुआ सौदा

मध्य प्रदेश के भोपाल, जबलपुर और कटनी में लगभग 1000 करोड़ रुपये मूल्य की जमीनें मात्र 350 करोड़ रुपये में सांठगांठ कर बेच दी गई। इस खरीदारी में फायदा जिनका भी हुआ, लेकिन नुकसान उन निवेशकों का हुआ है, जिनका पैसा सहारा में फंसा था।

Rishabh Namdev
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सहारा की जमीनें बेचकर उससे जो भी राशि एकत्र हो, उसे SEBI में जमा कराएं ताकि गरीब निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई की पाई-पाई लौटाई जा सके। कुछ इसी तरह का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को दिया था ताकि निवेशकों से धोखाधड़ी कर लिया गया पैसा वापस लौटाया जा सके।

इस निर्देश का मध्य प्रदेश में भी पालन किया गया। फर्क बस इतना था कि निवेशकों को मिला “ऊंट के मुंह में जीरा”, और कुछ लोगों के हाथ लग गया जमीन के रूप में बेशकीमती हीरा। यह बात तब सामने आई जब मध्य प्रदेश के तीन रियल एस्टेट व्यापारियों के यहां आयकर विभाग ने छापे मारे। छापों में जो जानकारी मिली, उसने स्पष्ट कर दिया कि “आम आदमी एक बार फिर मुंह ताकता रह गया।”

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, भोपाल में बीते दिनों हुई विभिन्न जांच एजेंसियों की रेड में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी, क्वालिटी ग्रुप, ईशान ग्रुप और इनसे जुड़े कुछ दलालों से महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। इनमें न केवल बेनामी संपत्तियों, शैल कंपनियों, सोना-चांदी आदि की जानकारी जांच एजेंसियों को मिली, बल्कि सहारा के निवेशकों से जुड़ा एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला भी उजागर हुआ है। इस मामले में करोड़ों की कीमत की सहारा समूह की जमीनों को मिलीभगत से आधे से भी कम दाम पर बेच दिया गया। इसका सीधा असर निवेशकों को लौटाई जाने वाली राशि पर पड़ा है।

यह है पूरी जानकारी

जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के भोपाल, जबलपुर और कटनी में लगभग 1000 करोड़ रुपये मूल्य की जमीनों को मात्र 350 करोड़ रुपये में सांठगांठ कर बेच दिया गया। इस खरीद-फरोख्त में फायदा जिनका भी हुआ, नुकसान उन निवेशकों का हुआ है, जिनका पैसा सहारा में फंसा था और केंद्र सरकार ने जिसे लौटाने का वादा किया था।

जानकारी के मुताबिक आधे से भी कम कीमत पर बेची गई इन जमीनों से मात्र 40 करोड़ रुपये SEBI के पास जमा कराए गए, ताकि निवेशकों को पैसा लौटाया जा सके।

कब हुआ यह सब और किन लोगों के नाम आए सामने?

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022 में भोपाल के अंदर सहारा की 110 एकड़ जमीन मार्च में बेची गई। इस जमीन की कीमत मात्र 50 करोड़ रुपये लगाई गई, जबकि सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत 2014 की रिपोर्ट के अनुसार इसकी कीमत 125 करोड़ रुपये आंकी गई थी। वर्तमान में इस जमीन की बाजार कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है। जिस कंपनी ने यह जमीन खरीदी, उसका नाम सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी का मालिकाना हक बीजेपी कटनी के विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक के परिजनों के पास है।

मिली जानकारी के अनुसार, इस जमीन की रजिस्ट्री के लिए सिनाप कंपनी ने मयंक चौबे को अधिकृत किया था, जो पाठक के बेहद करीबी माने जाते हैं। सहारा की ओर से संतोष कुमार जैन ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की थी।

कहां स्थित है यह जमीन?

यह 110 एकड़ जमीन भोपाल की कोलार तहसील के मक्सी गांव में 11 मील बायपास पर स्थित है। वर्तमान भाव के अनुसार यह जमीन बेशकीमती मानी जा रही है।

और कहां-कहां हैं सहारा की जमीनें जिनकी नीलामी हो चुकी है या होना बाकी है?

शहर और भूमि (एकड़) इस प्रकार हैं:

भोपाल : 110 एकड़
देवास : 107 एकड़
जबलपुर : 103 एकड़
ग्वालियर : 161 एकड़
इंदौर : 90 एकड़
कटनी : 99 एकड़

इनमें से कई जमीनों की नीलामी हो चुकी है और कुछ की नीलामी बाकी है। जानकारी के अनुसार, जबलपुर और कटनी की जमीनों को भी सिनाप रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनी नाइसा देव बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से खरीदा गया है, इस जानकारी की भी दस्तावेजों के माध्यम से पुष्टि हो चुकी है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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