बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 4 हाथियों की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत, 10 गंभीर रूप से बीमार, जाँच में जुटा पार्क अमला

प्रबंधन हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों के बचाव के लिए प्रयास करता है लेकिन जंगली हाथी गाहेबगाहे गांवों में नुकसान करने पहुंच जाते हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं यह मामला जहर खुरानी से तो नहीं जुड़ा यह एक बड़ा सवाल है अब पार्क प्रबंधन पीएम होने के बाद ही यह बता पाएगा कि मामला क्या है?

Amit Sengar
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umaria Bandhavgarh Tiger Reserve elephant death

Umaria News : उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) से एक बड़ी घटना सामने आ रही है, जहां सात जंगली हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई है, वहीं लगभग 6 हाथी अभी भी बेहोश है। घटना के बाद से प्रबंधन में हड़कंप की स्थिति बन गई है, और वरिष्ठ से लेकर नीचे तक का अमला मौके पर पहुंच चुका है, वहीं बीमार हाथियों का उपचार किया जा रहा है। संयुक्त संचालक पीके वर्मा ने बताया कि हाथियों को जहर दिए जाने की संभावना लग रही है, लेकिन असली वजह जांच के बाद ही सामने आ पाएगी। घटना पार्क के खितौली और पतौर कोर क्षेत्र के मध्य स्थित सलखनिया बीट के चरक वाह इलाके के जंगल की है।

बता दें कि फसल में लगे माहुर रोग से बचाव के लिए किसानों ने कीट नाशक छिड़काव किया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत गांवों में धान की फसल को कीटों से बचाने रासायनिक दवा का किसानों ने छिड़काव किया था जिसे जंगली हाथियों ने खा लिया और उनकी मौत हो गई है।

जाँच में जुटा पार्क अमला

टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ में बीते वर्ष 2018 से कर्नाटक, झारखंड और छत्तीसगढ़ के रास्ते पहुंचे जंगली हाथियों ने बांधवगढ़ में अपना रहवास बना लिया था वर्तमान अलग-अलग झुण्ड में तकरीबन 70 से 80 जंगली हाथी बांधवगढ़ के अलग अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहे हैं, प्रबंधन हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों के बचाव के लिए प्रयास करता है लेकिन जंगली हाथी गाहेबगाहे गांवों में नुकसान करने पहुंच जाते हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं यह मामला जहर खुरानी से तो नहीं जुड़ा यह एक बड़ा सवाल है अब पार्क प्रबंधन पीएम होने के बाद ही यह बता पाएगा कि मामला क्या है?

उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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