हाथी के बच्चे का रेस्क्यू, चार हाथियों के दल और करीब 100 वन कर्मियों की मदद से पहुंचाया बांधवगढ़ नेशनल पार्क

हाथी के बच्चे की खोजबीन की गई तो वो एक किसान के धान के खेत में मिला, उसके रेस्क्यू के लिए प्लानिंग की गई। 

Atul Saxena
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Baby Elephant Rescue

Baby Elephant Rescue : मध्य प्रदेश में इन दिनों हाथियों की चर्चा बहुत हो रही है, बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हुई 10 हाथियों की मौत का रहस्य अभी बना हुआ है, इस बीच हाथियों के जंगल छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचने की खबरें भी आ रही है, अब एक हाथी का बच्चा भटककर एक खेत में घुस गया, सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने उसे रेस्क्यू कर बांधवगढ़ नेशनल पार्क पहुंचाया।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हुई हाथियों की मौत के बाद से किरकिरी झेल रहा वन विभाग इस समय चुस्त दुरुस्त बना हुआ है, एक एक हाथी सहित अन्य जानवरों के मूवमेंट पर विशेष निगरानी राखी जा रही है, गस्ती दल, टास्क फ़ोर्स सब एक्स्ट्रा एक्टिव मोड में हैं और एक एक खबर पर तत्काल मूव कर रहे हैं।

भटककर खेत में पहुंचा हाथी का बच्चा  

वन विभाग को इसी दौरान सूचना मिली कि एक हाथी का बच्चा भटककर खेत में पहुंच गया है, सूचना मिलते ही उमरिया और कटनी के वन अमला एक्टिव हुआ, हाथी के बच्चे की खोजबीन की गई तो वो एक किसान के धान के खेत में मिला, उसके रेस्क्यू के लिए प्लानिंग की गई।

वनकर्मियों ने रात भर दिया पहरा, सफल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन 

वन विभाग  के करीब 100 कर्मचारियों की टीम रात भर खेत में हाथी के बच्चे पर निगरानी रखे रही, अफसरों ने चार हाथियों की टीम बनाई और फिर उजाला होते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, थोड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने सफलता पूर्वक हाथी के बच्चे को रेस्क्यू कर लिया और फिर पिकअप वाहन से बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पहुंचा दिया।

उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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