उमरिया के बांधवगढ़ में बीते दिनों 12 ग्रामीणों पर हुई कार्यवाही पर अब राजनीति शुरू हो गई है, आरोपियों ने बांधवगढ़ प्रबंधन पर जबरन फ़साने का आरोप लगाने के बाद उमरिया भाजपा जिलाध्यक्ष ने मजिस्ट्रेटियल जांच की मांग तो वही कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय कोल ने उग्र आंदोलन की धमकी दी है।
उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) प्रबंधन का एक अजीब कारनामा सामने आया है। जिसमें बांधवगढ़ के पतौर क्षेत्र मे जंगल किनारे पीहरी तोड़ने के आरोप में बीटीआर प्रबंधन ने 12 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस कार्रवाई के बाद पूरे जिले में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
भाजपा ने मजिस्ट्रियल जांच की मांग की
भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष आसुतोष अग्रवाल ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि ग्रामीणों के साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपकर मामले की मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है। उनका कहना है कि बिना उचित कारण और सत्यापन के ग्रामीणों को सलाखों के पीछे भेजना बीटीआर प्रबंधन की मनमानी को दर्शाता है।
कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी
वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय कोल ने इस कार्रवाई को सीधे ग्रामीणों पर अत्याचार बताया है। उन्होंने ऐलान किया है कि यदि ग्रामीणों को न्याय नहीं मिला, तो कांग्रेस आगामी 3 सितंबर को उग्र आंदोलन करेगी। कांग्रेस का आरोप है कि बीटीआर प्रबंधन स्थानीय लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहा है और उनकी आजीविका पर चोट कर रहा है।
बीटीआर प्रबंधन ने जाँच का भरोसा दिया
इस पूरे विवाद पर बीटीआर के फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी। यदि ग्रामीणों पर लगे आरोप गलत पाए गए तो उनके खिलाफ की गई कार्रवाई पर पुनर्विचार किया जाएगा। फिलहाल यह मामला उमरिया जिले की राजनीति में गरमा गया है।
उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट





