बांधवगढ़ नेशनल पार्क में कैसे हुई थी 10 हाथियों की रहस्मयी मौत, जांच पर सवाल, कोदो नहीं बिकने से किसान परेशान

कृषि विभाग और पशु चिकित्सा विभाग ने अपने बयान जारी किये हैं, वहीं अगर किसानों की बात करें तो उनका मानना है कि कोदों खाने से जब इंसान, मवेशी नहीं मरते तो बुद्धि मान हाथी कभी नहीं मर सकता है।

Amit Sengar
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Bandhavgarh Tiger Reserve

Bandhavgarh National Park : बांधवगढ़ में जंगली हाथियों की मौत ने नया मोड़ ले लिया है, ग्रामीणों से लेकर जानकार और कृषि विभाग के अधिकारी कोदों खाने से मौत को लेकर संशय व्यक्त किया है, जबकि अलग-अलग राय होने के बाद से जांच रिपोर्ट सहित बांधवगढ़ प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं, कृषि विभाग और पशु चिकित्सा विभाग ने जंगली हाथियों की मौत पर अपने-अपने बयान दिये हैं, जिस पर बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हलचल मच गई है।

उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई 10 जंगली हाथियों की मौत का मामला है, जिनकी मौत को लेकर हर रोज बयान सामने आ रहे हैं, अभी हाल ही में कृषि विभाग और पशु चिकित्सा विभाग ने अपने बयान जारी किये हैं, वहीं अगर किसानों की बात करें तो उनका मानना है कि कोदों खाने से जब इंसान, मवेशी नहीं मरते तो बुद्धि मान हाथी कभी नहीं मर सकता है।

जांच पर सवाल

वहीं कृषि विभाग ने बताया है कि अगर कोदों फसल में फंगस लगी थी तो यह बात वन विभाग ने नहीं बताई है, रही बात रिपोर्ट की तो वह बांधवगढ़ प्रबंधन ही जाने, जबकि पशु चिकित्सा विभाग के डाक्टर का मानना है कि तमाम रिपोर्ट में हाथियों की मौत कोदों खाने से होना बताया जा रहा है, परंतु हाथी का मरना कहीं न कहीं संशय पैदा कर रहा है।
उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट


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