माननीयों को शराबियों की है चिंता, 14 घंटे खुलेगी शराब की दुकानें

उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव। उमरिया (Umaria) में संकट प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा कोरोना कर्फ्यू (corona curfew) में ढील देने के क्रम में शराब (alcohol) और गुटखे (Gutka) को सर्वाधिक वरीयता देने से लोग हैरान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि जब जन जीवन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों में सीमित छूट दी गई है। तब शराब के लिए 14 घंटे और पान-गुटखे के लिए 8 घंटे की छूट क्यों ? क्या यहां से कोरोना के संक्रमण का खतरा नहीं है ? एक ओर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू है। दूसरी ओर शराब दुकानों और रिसोर्ट बार के संचालन के लिए क्रमशः रात 10 और 11 बजे तक की छूट दी गई है। इन दोनों आदेशों को मिलाकर देखें तो ऐसा प्रतीत होता है कि शराबियों को रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू के उल्लंघन की भी अघोषित छूट दे दी गई है।

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उल्लेखनीय है कि जिले में नोबेल कोरोना वायरस (corona virus) या कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण की दर 5 फ़ीसदी से कम होने के कारण 1 जून से कोरोना कर्फ्यू में ढील देने की प्रक्रिया आरंभ हुई है। संकट प्रबंधन समिति की सलाह के अनुसार कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने विभिन्न व्यावसायिक एवं सामाजिक गतिविधियों के सीमित संचालन के आदेश जारी किए हैं । जिसमें पान दुकानों को दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक, शराब दुकानों को सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक और रिसोर्ट बार को रात 11 बजे तक संचालित किए जाने की छूट है । जबकि फल, सब्जी से लेकर किराना आदि सभी आवश्यक सेवाओं के संचालन हेतु अधिकतम 5 घंटे ही निर्धारित हैं । यही वजह है कि लोग सवाल पूछ रहे हैं कि जनता के चुने हुए नुमाइंदे चुनाव और राजस्व के फेर में जनता को बार-बार संकट में क्यों डालते हैं ?


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Harpreet Kaur