उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव। करीब 70 वर्ष पहले दुनिया का पहला सफेद बाघ (White Tiger) मोहन को पकड़ा गया था। इस ऐतिहासिक घटना के 70 वर्ष पूरे होने के खास संदर्भ को याद करते हुए रीवा राजघराने के मुखिया एवं पूर्व मंत्री महाराजा पुष्पराज सिंह (Maharaja Pushpraj Singh) ने ट्वीट कर एक नई राय भारत सरकार को देते हुए कहा है कि वर्तमान में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (Sanjay Gandhi National Park) का नाम बदलकर मोहन राष्ट्रीय उद्यान रख देना चाहिए।
आज के दिन विश्व को मिला सफेद भाग जिसे स्व महाराज मार्तंड सिंह जी ने, सीधी जिले से पकड़ा। मांग है के संजय नेशनल पार्क से ये उद्यान का नाम मोहन राष्ट्रीय उद्यान किया जाए। @narendramodi @PrakashJavdekar @ChouhanShivraj @UdayMahurkar @satpalmaharaj pic.twitter.com/ZDBwQ6YNF6
— Pushpraj Singh REWA (मोदी का परिवार) (@RajSing23855244) May 27, 2021
अपने प्रस्ताव के समर्थन में पुष्पराज सिंह का कहना है कि भारत में एक और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। इसके अलावा विंध्य में भी संजय गांधी के नाम से एक अस्पताल (संजय गांधी अस्पताल) और एक ताप विद्युत गृह (संजय गांधी ताप विद्युत गृह) विद्यमान है, इसलिए संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदले जाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
दुनिया का पहला सफेद बाघ
विंध्य और खासकर रीवा को विश्व मानचित्र में एक विशेष पहचान दिलाने वाले सफेद बाघ मोहन को बांधवेश महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव ने सन 1951 में पकड़कर पूरी दुनिया को उससे परिचित कराया था। सफेद बाघ मोहन को बांधवेश महाराजा मार्तण्ड सिंह जू देव ने सीधी के बरगडी जंगल से पकड़ा था, जो कि वर्तमान में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर आता है। महाराजा मार्तण्ड सिंह ने उसे वहां से लाकर अपने गोविन्दगढ़ के किले में रखा, जहां न केवल दुनिया को इस दुर्लभ प्रजाति के दर्शन हुए बल्कि इसकी नस्ल को भी आगे बढ़ाकर दुनिया के कोने-कोने में भेजा गया, जिसके लिए पूरी दुनिया मोहन की शुक्र गुजार है।