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Wed, Dec 17, 2025

अस्पताल में चूहे के बाद अब क्लासरूम में कुत्ता, छत-दीवारें जर्जर, प्रशासन बना मूकदर्शक, ज़िम्मेदार कौन?

Written by:Atul Saxena
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यह मामला विभाग की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है और सवाल खड़ा करता है कि आखिर कब इन मासूमों को सुरक्षित व बेहतर शिक्षा का माहौल मिलेगा।
अस्पताल में चूहे के बाद अब क्लासरूम में कुत्ता, छत-दीवारें जर्जर, प्रशासन बना मूकदर्शक, ज़िम्मेदार कौन?

मध्य प्रदेश में इस समय अलग अलग तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं जो प्रशासन की लापरवाही का जीता जागता उदाहरण पेश कर रहे हैं, इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय हॉस्पिटल में आईसीयू में चूहों के आतंक का वीडियो हाल ही में वायरल हुआ जिसमें चूहों के काटने से एक नवजात की मृत्यु हो गई, इस वीडियो की चर्चा अभी थमी नहीं थी कि एक नया वीडियो उमरिया का वायरल हो रहा है जिसमें एक विद्यालय के क्लासरूम में विद्यार्थी और कुत्ता साथ साथ दिखाई दे रहे हैं।

मध्य प्रदेश सरकार बच्चों की स्कूली शिक्षा पर एक बड़ा बजट खर्च करती है, जिसमें बच्चों को किताबें, मध्यान्ह भोजन , ड्रेस सहित सुरक्षित और सर्व सुविधायुक्त स्कूल भवन के लिए राशि दी जाती है लेकिन क्या स्कूल भवनों की सच में मरम्मत होती है ? क्या सच में स्कूल भवन सुरक्षित हैं ? इसका ताजा उदाहरण उमरिया जिले से सामने आया है जहाँ जर्जर स्कूल में बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं हालात इतने ख़राब हैं कि उनके क्लास में कुत्ते तक बैठे रहते हैं।

जर्जर स्कूल में बच्चों की शिक्षा, अफसरों मौन 

उमरिया जिले के मानपुर नगर परिषद अंतर्गत वार्ड नंबर 15 हरचौरा में शिक्षा विभाग की उदासीनता एक बार फिर उजागर हुई है। माध्यमिक विद्यालय हरचौरा की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि यहां पढ़ने वाले छोटे छोटे बच्चे रोज़ खतरे के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चे टूटती दीवारों और छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं, जहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

क्लास रूम में बच्चे और कुत्ता एक साथ

स्थानीय लोगों के मुताबिक यह भवन वर्षों से मरम्मत की बाट जोह रहा है, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। हाल ही में विद्यालय का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें बच्चे और कुत्ते एक ही कक्षा में मौजूद दिख रहे हैं। वीडियो मे साफ दिख रहा है की कक्षा में बच्चों के बगल में कुत्ता बैठा है जो किसी भी अनहोनी को दावत दे सकता है, कुत्ते का यह वीडियो ने न सिर्फ अभिभावकों बल्कि आमजन को भी स्तब्ध कर दिया है।अभिभावकों का कहना है कि यदि बच्चों की सुरक्षा की अनदेखी जारी रही तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

अफसरों से केवल मिलता है आश्वासन 

गांव के लोगों का कहना है कि वे कई बार इस मुद्दे को शिक्षा विभाग और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला है। बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा दोनों ही दांव पर लगे हुए हैं। वहीं, शिक्षक भी मजबूरी में इसी खंडहरनुमा भवन में शिक्षा देने को विवश हैं।

जिम्मेदारों के अपने अपने तर्क 

स्कूल की प्रभारी प्रधान अध्यापिका आराधना पटेल  का कहना है कि वो कई बार विभाग को लिख चुकी हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं है, बच्चों की संख्या कम होती जा रही है, परिजन स्कूल की जर्जर हालत देखकर बच्चों को भेजना नहीं चाहते है वे कहते हिं कि यदि कोई हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदारी लेगा, उधर डीपीसी के के डेहरिया सरकार का पक्ष रखते हुए कहते है कि हमने जर्जर भवनों में बच्चों को नहीं बैठाने के निर्देश दिए है, जहाँ तक हरचौरा के स्कूल की बात है तो ये संज्ञान में है जल्दी ही इसे ठीक कराया जायेगा

ये कहता है कानून , जिसकी किसी को परवाह नहीं 

गौरतलब है कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित और बेहतर वातावरण में पढ़ाई का अधिकार है, लेकिन मानपुर के हरचौरा विद्यालय की स्थिति इस कानून की धज्जियां उड़ाती नज़र आ रही है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि बच्चों को सुरक्षित वातावरण में शिक्षा मिल सके। 

उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट