MP News: मध्यप्रदेश में राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों को गणवेश उपलब्ध कराया जाता है। यह गणवेश बच्चों तक स्वयं सहायता समूह के जरिए पहुंचता है। सरकार द्वारा समूह को इसके लिए राशि पहुंचाई जाती है जिसके बाद ड्रेस वितरित की जाती है। लेकिन अब इस प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किए जाने की खबर सामने आ रही है।
अब बच्चों के गणवेश के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली रकम स्वयं सहायता समूह को न पहुंचा कर राज्य के आजीविका मिशन कार्यालय को पहुचाई जाएगी। ये निर्णय गणवेश वितरण में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए लिया गया है।
कैबिनेट में भेजा प्रस्ताव
बच्चों को किए जाने वाले गणवेश वितरण में स्वयं सहायता समूह के नाम से कई बार गड़बड़ कर दी जाती है और बच्चों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पाता है। इसी को देखते हुए आजीविका मिशन के तहत गणवेश वितरित करने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए विभागो के बीच हुई सहमति के आधार पर प्रताव बनाकर कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है।
आजीविका मिशन की राज्य स्तरीय इकाई द्वारा भी गणवेश वितरण का का सौंपने में सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए पहले 50 प्रतिशत राशि का भुगतान क्रियाशील समूहों को लिया जाएगा। इन समूहों के काम को देखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और आजीविका मिशन की संयुक्त समिति गठित कर निगरानी की जाएगी। समिति द्वारा गणवेश की गुणवत्ता की स्तिथि सही आने पर ही बचा हुआ 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।
बढ़ेगी आजीविका मिशन कार्यालय की भूमिका
मध्य प्रदेश में विद्यार्थियों को गणवेश वितरित करने की प्रक्रिया साल 2018 से स्वयं सहायता समूहों सौंपी है है। शिक्षा विभाग द्वारा सीधे समूह को राशि से दी जाती है और आजीविका मिशन के अमले को सिर्फ निगरानी करने के लिए बोला जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया में बदलाव के बाद अब राज्य और जिला स्तरीय आजीविका मिशन अमले की भूमिका गणवेश वितरण में बढ़ जाएगी।