“गोबर से धन परियोजना” मऊगंज में अनोखी पहल की शुरूआत

मऊगंज जिले के पन्नी पथरिया गांव में "गोबर से धन परियोजना" की शुरूआत की गई है, जिससे गांववालों को नई आय का स्रोत मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत एक विशेष प्लांट स्थापित किया गया है, जहां गौवंश के गोबर से लकड़ी बनाई जाएगी। इस अनूठे पहल के जरिए गांववालों को न केवल एक नई आय का स्रोत मिलेगा, बल्कि गांव को भी स्वच्छता के क्षेत्र में एक प्रेरणास्त्रोत प्रदान किया जा रहा है।

Rishabh Namdev
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Gobar Se Dhan Yojana : मऊगंज जिले के पन्नी पथरिया गांव ने एक अनोखी पहल की शुरूआत करते हुए “गोबर से धन परियोजना” की शुरूआत की है। इस परियोजना के अंतर्गत गांववालों को गौवंश के गोबर से बनाई जाने वाली लकड़ी की खरीद पर दो रुपए प्रति किलो का भाव दिया जाएगा, जिससे उन्हें नई आय का स्रोत मिलेगा। इस पहल के माध्यम से गांव वाले न केवल आत्मनिर्भर बनने का मौका पाएंगे, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

गोबर की खरीद में विशेष योजना:

इस प्रोजेक्ट के संचालकों ने बताया कि गोबर से बनाई जाने वाली लकड़ी की खासियत और मूल्य को ध्यान में रखते हुए, गांववालों को इसे 2 रुपए प्रति किलो खरीदने का अवसर मिलेगा। इसके माध्यम से स्थानीय लोग गौवंश के उपयोग से नए आर्थिक संभावनाओं की ओर कदम बढ़ा सकेंगे।

मऊगंज पहला ऐसा जिला:

मऊगंज जिला इस पहल के माध्यम से प्रदेश में पहला ऐसा जिला बन गया है जहां “गोबर से धन परियोजना” का आयोजन किया गया है। इस नए पहल के माध्यम से गांववालों को आत्मनिर्भर बनाने का मौका मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा।

गाड़ी के भाड़े का भी भुगतान:

इस योजना के तहत, गोबर को प्लांट तक पहुंचाने वाली गाड़ी के चालन का भी भुगतान किया जाएगा। इससे गाड़ी चालकों को भी एक और आय का स्रोत मिलेगा और पर्यावरण सुरक्षा में उनका योगदान होगा।

गोबर से बनाई जाने वाली लकड़ी के उत्पादन से न केवल आर्थिक विकास होगा, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर स्वच्छता का समर्थन भी करेगा। गांववालों को गोबर से नई आय का स्रोत प्राप्त होने के साथ-साथ, गांव के पर्यावरण को बचाने में भी मदद करेगा।

“गोबर से धन परियोजना” के इस अद्वितीय पहल के माध्यम से मऊगंज जिला ने एक विकासशील प्रणाली का आरंभ किया है। इस प्रोजेक्ट से आर्थिक विकास के साथ-साथ स्वच्छता के क्षेत्र में भी सकारात्मक परिणाम होंगे। गांव के लोग इस महोत्सव के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए दिख रहे हैं, जो आने वाले समय में उन्हें स्थानीय समृद्धि की ओर एक कदम और बढ़ने में मदद करेगा।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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