बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें मांग रखी गई थी कि कोरोनाकाल के दौरान जिन कैंडीडेट्स (Candidates) का यूपीएससी (UPSC) में अंतिम प्रयास था और वह अब इस साल एग्जाम नहीं दे सकते। उन्हें एक मौका और मिलना चाहिए। जानकारी के अनुसार, यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा (UPSC Preliminary Examination) मई में होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते यह परीक्षा 4 अक्टूबर आयोजित की गई थी।
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UPSC कैडीडेट्स को मिलेगा एक और मौका
इसी संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सितंबर 2020 में केंद्र सरकार और यूपीएससी को निर्देश दिया था कि उन छात्रों को उम्र की सीमा में छूट दिया जाए, जिनका इस साल अंतिम प्रयास है, साथ ही परीक्षा के लिए अतिरिक्त अटेंप्ट (Additional Attention) भी दिया जाए। जिसके बाद 26 अक्टूबर को कोर्ट को और छात्रों को बताया गया कि उन्हें अतिरिक्त मौका दिए जाने को लेकर भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training) द्वारा विचार किया जा रहा है। इस संबंध में, ’22 जनवरी को केंद्र ने कहा कि वह यूपीएससी के उम्मीदवारों (UPSC candidates) को एक और मौका देने के लिए राजी नहीं है। क्योंकि ऐसा करने पर पूरी कार्यप्रणाली पर विपरीत असर होगा। खास कर समानता अवसर दिए जाने के नियम का उल्लंघन माना जाएगा। इस कारण हम इस पक्ष में नहीं है।’
8 से 17 के बीच संपन्न हुई थी UPSC मेन्स 2020 की परीक्षा
सिविल सर्विस मुख्य परीक्षा 2020 संपन्न हो चुकी है। जिसका आयोजन 8 जनवरी से 17 जनवरी के बीच किया गया था। बता दें कि UPSC प्री में क्वालिफाई होने वाले करीब 10 हजार कैडीडेट्स को UPSC मेन्स के लिए चिन्हित किया गया था। जिन्होंने UPSC मेन्स 2020 की परीक्षा दी है।