नगरीय निकाय अधिकारियों, कर्मचारियों को रहना होगा “ड्रेस कोड” में, सरकार ने की सख्ती

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने 31 दिसंबर 2008 को एक आदेश निकालकर प्रदेश की सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायतों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए “ड्रेस कोड” (Dress Code) लागू किया था। ये आदेश 01 जनवरी 2009 से लागू हो गया। कुछ समय तक इस आदेश का पालन हुआ लेकिन पिछले कुछ समय में इस आदेश को हवा में उड़ा दिया गया। अब एक बार फिर सरकार सख्ती के मूड में आई है। नगरीय प्रशासन विभाग (Urban administration department) के उप सचिव ने आदेश दिये हैं कि “ड्रेस कोड” का पालन होना चाहिए। उन्होंने सभी नगरीय निकाय प्रमुखों को इस आशय के आदेश भेज दिये हैं।

01 जनवरी 2009 से नगरीय निकाय (Urban bodies) के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए लागू “ड्रेस कोड” के अंतर्गत पुरुषों के लिए स्काई ब्ल्यू शर्ट और नेवी ब्ल्यू पेंट निर्धारित किया गया वहीं महिलाओं के लिये स्काई ब्ल्यू साड़ी, नेवी ब्ल्यू ब्लाउज अथवा स्काई ब्ल्यू कुर्ता, दुपट्टा एवं नेवी ब्ल्यू सलवार निर्धारित की गई थी। कुछ साल तक नगरीय निकायों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस “ड्रेस कोड” का पालन किया लेकिन पिछले कुछ समय से नगरीय निकायों के कार्यालयों में अधिकारी कर्मचारी इसका उल्लंघन करने लगे। ये बात वरिष्ठ अधिकारियों और विभागीय मंत्री के संज्ञान में आने के बाद सरकार ने फिर से इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिये हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के उप सचिव डॉ अमिताभ अवस्थी के दस्तख़तों से जारी एक आदेश प्रदेश के सभी नगरीय निकाय प्रमुखों को जारी किया गया है जिसमें पिछले आदेश और मंत्री की टीप का हवाला देते हुए लिखा गया है कि “ड्रेस कोड” का पालन सुनिश्चित कराया जाए। अब देखना होगा कि नगरीय निकायों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर इस सख्ती का कितना और का तक असर होता है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....