PMO का अधिकारी बताकर जालसाज ने यूक्रेन में फंसी छात्रा की मां से ठगे 42 हजार

Published on -

विदिशा, डेस्क रिपोर्ट। यूक्रेन में रूस के हमले के बाद वहां फंसे छात्रों के परिजन बेहद परेशान है। बच्चों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए घरवाले प्रयासरत है, लेकिन ऐसे में भी जालसाज अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है ऐसे ही एक मामले में एक शातिर जालसाज ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताकर एयर टिकट दिलाने के नाम पर यूक्रेन में फंसी छात्रा सृष्टि विल्सन की मां वैशाली से 42 हजार रुपये की ठगी कर ली। बेटी को किसी भी तरह जल्द से जल्द वापस लाने के लिए परेशान वैशाली से जालसाज़ ने 42 हजार ट्रांसफर करवाए, लेकिन राशि ट्रांसफर करने के बाद भी जब एयर टिकट नहीं मिला, तब जाकर उन्‍हें ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद वैशाली ने ठगी की शिकायत कोतवाली पुलिस थाने में की है। वैशाली विदिशा में जिला अस्‍पताल में लैब टैक्‍नीशियन है।

यह भी पढ़ें.. India vs Sri Lanka 1st T20 : श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग का लिया फैसला

वैशाली कोमंगलवार की सुबह अंजान नंबर से फोन आया फोन करने वाले ने बताया कि उसने पहले दिल्ली से जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. संजय खरे को फोन लगाया था और वैशाली नंबर लिया था।  फोन करने वाले ने खुद का नाम प्रिंस बताया और कहा कि वह पीएमओ से बोल रहा है। प्रिंस ने वैशाली को भरोसा दिलाया कि वह मेरी बेटी की वापसी के इंतजाम कर सकता है। उसने एयर टिकिट के नाम पर 42 हजार रुपये भेजने को कहा। उसने मोबाइल पर बैंक एकाउंट की डिटेल भी भेजी।

वैशाली किसी भी तरह अपनी बेटी को यूक्रेन से वापस लाने की कोशिश में लगी थी, इसी लिए प्रिंस से लगातार बात कर रही थी वैशाली के मुताबिक चार घण्टे के दौरान उस शख्‍स से करीब 40 बार बात हुई, लेकिन तब जरा भी शक नही हुआ कि वह ठगी कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि ट्रूकॉलर पर भी उसके नाम के आगे पीएमओ लिखा हुआ आ रहा था। बेटी की वापसी के लिए वैशाली ने इधर-उधर से राशि जुटाकर तीन बार मे 42 हजार रुपये की राशि जमा करा दी। वैशाली का कहना है कि प्रिंस ने पहले कहा था कि बुधवार दोपहर 4 बजे टिकट भेज देगा। 4 बजे बोला कि 5 बजे भेजूंगा, फिर 8 बजे और गुरुवार दोपहर 2 बजे टिकट भेजने की बात कही। वैशाली का कहना है कि प्रिंस ने दो अलग-अलग अकाउंट में तीन बार में रुपए मंगाए थे, लेकिन अभी तक टिकट नहीं दिए।

यह भी पढ़ें… इंदौर में पत्नी ने पति को मारकर घर में ही दफनाया

तहगी का शिकार बनी वैशाली ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से बात की। प्रियंक ने जब प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी ली है। तो पता चला कि वहां प्रिंस नाम का कोई कर्मचारी काम नहीं करता। प्रियंक ने उन्‍हें एफआइआर दर्ज कराने की सलाह दी। जसीके बाद वैशाली ने थाने में ठगी का मामला दर्ज करवाया है, पुलिस सायबर एक्सपर्ट की मदद लेकर ठगी करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रही है।


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News