विदिशा, डेस्क रिपोर्ट। विदिशा (Vidisha) से चीन के खिलाफ नारेबाजी और पुतला दहन करने की जानकारी सामने आई है। यहां पर भारत तिब्बत सहयोग मंच ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। मंच ने कैलाश मानसरोवर और तिब्बत को चीन से आजादी दिलाने की मांग करते हुए चीनी सामानों का बहिष्कार करने की अपील की है। मंच के सदस्यों ने चीन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला भी जलाया।
इस प्रदर्शन को लेकर भारत तिब्बत सहयोग मंच के जिला अध्यक्ष तोरण सिंह दांगी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 23 सालों से चीन के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं और यह दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। चीनी सामान का बहिष्कार करने के साथ ही इसकी आक्रामक नीतियों का हम विरोध करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।
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इस दौरान 1962 में चीन द्वारा हिंदी चीनी भाई भाई का भ्रम दिखाकर जो युद्ध थोपा गया था उस बारे में भी चर्चा की गई। इस युद्ध के समय चीन ने भारत के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। तिब्बतियों पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं जो कि गलत है। चीन ने तिब्बत के सैनिकों को धोखे से मार दिया था और अब वहां अपना अधिकार जता रहा है। भारत तिब्बत सहयोग मंच का कहना है कि हमें कैलाश मानसरोवर और तिब्बत को मुक्त कराना है और हम इसका संकल्प ले चुके हैं।
इस दौरान नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष मुकेश टंडन भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने चीन को सबक सिखाने के लिए उसकी आर्थिक अर्थव्यवस्था को खत्म करने के लिए जनता से संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने यह कहा कि दीपावली के मौके पर कोई भी ऐसी वस्तु ना खरीदें जिसका निर्माण चीन में किया गया हो। ये पहली बार नहीं है जब मंच की ओर से चीन का विरोध करते हुए पुतला दहन किया जा रहा है। हर साल 20 अक्टूबर को देश भर में भारत तिब्बत सहयोग मंच चीन की नीतियों का विरोध करते हुए पुतला दहन करता है।