दो साल तक भटकता रहा, CM की सभा में किया आत्मदाह का प्रयास तब मिला न्याय  

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan)की सभा में रविवार को आत्मदाह (Self Immolation)का प्रयास करने वाले युवक को आखिरकार न्याय मिल गया। वो पिछले दो साल से भटक रहा था उसने जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई थी लेकिन पिछले दो साल में उसे सिर्फ निराशा ही मिली थी।   लेकिन अब उसका प्लॉट का विवाद निपट गया है।

जानकारी के अनुसार ग्वालियर के आदित्यपुरम में रहने वाला धर्मेंद्र शर्मा मूलतः मुरैना जिले का रहने वाला है. वो ट्रक ड्राइवर है।  धर्मेंद्र ने कुछ समय पूर्व  ढाई लाख रुपये में मुरैना में अपने गांव के पास अम्बाह रोड पर धर्मेंद्र शर्मा उर्फ़ पप्पू नामक व्यक्ति से एक प्लॉट ख़रीदा था, उस समय धर्मेंद्र ने रजिस्ट्री नहीं कराई थी लेकिन पूरा पैसा दे दिया था। ड्राइवर धर्मेंद्र जब भी रजिस्ट्री के लिए कहता  धर्मेंद्र उर्फ़ पप्पू उसे वहां से बे इज्जत कर भगा देता, प्लॉट पर उसने कब्ज़ा कर रखा था चूँकि वो वो क्षेत्र का दबंग है इसलिए धर्मेंद्र कुछ नहीं कर पाता था।  ड्राइवर धर्मेंद्र  ने पिछले दो साल में मुरैना एसडीएम , एडीएम ार कलेक्टर से मदद मांगी लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।  उसने सीएम हेल्प लाइन और सीएम के बंगले पर जाकर भी शिकायत की लेकिन फिर भी कोई न्याय नहीं मिला।

मुख्यमंत्री की सभा में किया आत्मदाह का प्रयास 

सब जगह से निराशा हाथ लगने के बाद धर्मेंद्र ने रविवार को ग्वालियर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की  सभा में आत्मदाह का फैसला किया।  फूलबाग मैदान में चल रही सभा में धर्मेंद्र ने अपने ऊपर कैरोसिन डाल  लिया लेकिन वो आग लगा  पाता उससे पहले ही पुलिस ने उसे ऐसा करने से रोक लिया।

एडीएम कार्यालय मुरैना से पहुंचा फोन

धर्मेंद्र के मुताबिक वो निराश हो चुका था इसलिए मरने की सोची उसे पड़ाव थाना पुलिस ने रविवार को  रात 12 बजे तक थाने में बैठाये रखा और ये लिखवाने के बाद छोड़ा कि वह कभी आत्मदाह का प्रयास नहीं करेगा। घटना सामने आने के बाद  सोमवार सुबह  एडीएम मुरैना उमेश प्रकाश शुक्ला के कार्यालय से उसके पास  फोन पहुंच गया। उसे एडीएम कार्यालय बुलाया गया।  एडीएम ने वहां  दूसरे पक्ष को भी बुलवा लिया गया था। एडीएम उमेश प्रकाश, एसडीएम आरएस बाकला, तहसीलदार अजय शर्मा के सामने पूरे मामले की करीब पांच घंटे तक सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद  दूसरे पक्ष ने रजिस्ट्री करने और कब्जा देने पर सहमति दे दी है।प्रशासन ने धर्मेंद्र को भरोसा दिलाया है कि प्लॉट की रजिस्ट्री जल्दी हो जाएगी।

दो साल तक भटकता रहा, CM की सभा में किया आत्मदाह का प्रयास तब मिला न्याय  


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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