वांटेड क्रिकेट सटोरिया दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया, उज्बेकिस्तान भाग रहा था

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) को तीन साल से चकमा दे रहे वांटेड क्रिकेट सटोरिये (Wanted Cricket Bookmaker) को दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) की सुरक्षा एजेंसी ने पकड़ लिया। वो उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) भागने की तयारी में था।  ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) ने सटोरिये संतोष घुरैया के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था। बताया जाता है कि सटोरिये संतोष घुरैया ने मध्यप्रदेश (MP) और दिल्ली (Delhi) में क्रिकेट सट्टे का बड़ा रैकेट बना लिया था।

ग्वालियर के थाटीपुर क्षेत्र में रहने वाला संतोष घुरैया आईपीएल क्रिकेट (IPL Cricket) पर सट्टा लगाता था।  तीन साल पहले पुलिस ने उसका भांडा फोड़ किया था, पुलिस ने संतोष घुरैया की गैंग तो पकड़ ली थी लेकिन शातिर सटोरिया संतोष भाग निकला था। उसके बाद से ही पुलिस लगातार संतोष को पकड़ने की कोशिश करती रही लेकिन हर बार वो पुलिस को चकमा देकर भाग जाने में सफल रहा। पुलिस आईपीएल पर सट्टा खिलने वाले जितने भी लोग पकडे सबका कनेक्शन सतोष घुरैया से मिलता।  पुलिस ने जब सट्टा खिलाने में इस्तेमाल हो रहे नटवर्क का आईपी एड्रेस निकाला तो वो सऊदी अरब, उज्बेकिस्तान का था।

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इन तीन वर्षों में संतोष घुरैया ने एमपी से लेकर दिल्ली तक सट्टे का बड़ा रैकेट बना लिया। इस दौरान संतोष घुरैया ने  आईपीएल क्रिकेट (IPL Cricket) के सट्टे से  बहुत पैसा कमाया।  वो सट्टे के पैसे की कमाई से विदेशों में अय्याशी करता था। वो विदेशों के फोटो भी सोशल मीडिया एकाउंट पर अपलोड करता था।  पुलिस को जब उसके इस शौक का पता चला तो एसपी अमित सांघी ने संतोष घुरैया के  खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया  देश के सभी एयरपोर्ट अलर्ट पर थे।

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सोमवार को जैसे ही संतोष घुरैया दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा सुरक्षा एजेंसियों से उसे पकड़ लिया।  वो देर रात को उज्बेकिस्तान की फ्लाइट पकड़ने वाला था। संतोष के पकड़े जाने की सूचना  ग्वालियर पुलिस को दी गई जिसके बाद ग्वालियर की क्राइम ब्रांच की टीम सटोरिये संतोष घुरैया को लेने दिल्ली पहुँच गई है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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