होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। उत्तरप्रदेश से शुरू हूआ नाम बदलने का सिलसिला होशंगाबाद तक आ पहुँचा है। यहाँ नर्मदापुर युवा मंडल के सदस्यों ने होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुर करने की मांग को लेकर जल सत्याग्रह किया।यहाँ के शासक रहे हुशंगशाह के नाम पर रखे गए होशंगाबाद का नाम “नर्मदापुर ” किए जाने की मांग को लेकर सोमवार सुबह सेठानी घाट पर नर्मदापुर युवा मंडल के सदस्यों ने माँ नर्मदा का विधिवत पूजन अर्चन कर जल में खड़े होकर जलसत्याग्रह किया। माँ नर्मदा का पूजन अभिषेक पंडित सुरेश मिश्रा के आचार्यत्व में हुआ।
नर्मदापुर युवा मंडल के मनीष परदेशी ने बताया कि होशंगाबाद नर्मदापुर हो इसके लिए सोमवार से परिवार संपर्क अभियान की शुरुआत भी की गई। शहर के सभी समाज प्रमुखों के साथ बैठक कर एक नर्मदा समिति का गठन किया जाएगा जो कि होशंगाबाद नहीं नर्मदापुर कहेगें अभियान को आगे बढ़ाएगी। नर्मदापुर युवा मंडल इस अभियान को लेकर व्यापक जनजागरण अभियान चला रहा है, इससे पहले होशंगाबाद के नाम के ऊपर नर्मदापुर लिखे स्टीकर लगाए गए थे।
ज्ञात रहे कि पाँच साल पहले नर्मदा के नाम पर पूरे संभाग के नाम नर्मदापुरम किया गया था अब होशंगाबाद को नर्मदापुर बनाने की मुहिम चल उठी है। नर्मदा के किनारे आज भी यहाँ के शासक हुशंगशाह का किला मौजूद है जिसका कुछ सालों पहले ही जीर्णोद्धार कराया गया है।
अंदर बनी है सुरंग :
बताया जाता है कि प्राचीन किले के अंदर सुरंग बनी हुई थी। जिसमें से राजा रानी नर्मदा की जलधारा के नीचे से निकलकर इस पार से उस पार जाते थे। नर्मदा के उस पार स्थित प्राचीन मंदिर में पूजा अर्चना करते थे। राजाओं द्वारा महल में सुरंग बनाने की बात अन्य स्थानों पर भी सुनी जाती है।
किवदंतियां – किले के संबंध में कहा जाता है कि यहां बड़ा खजाना था तथा पारस पत्थर भी था। इसे पाने के लिए कई लोगों ने पक्षियों की बलि भी दी तथा तांत्रिक क्रियाएं भी कराईं। जिनके चिह्न यदाकदा मिलते हैं।