ग्वालियर, अतुल सक्सेना। प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच ग्वालियर (Gwalior) में सोमवार को भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के नेताओं के खिलाफ धरने दिये। कांग्रेस जहाँ कमलनाथ (Kamal Nath) पर हमलावर हुई वहीं कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर निशाना साधा।
सोमवार को ग्वालियर में दो राजनैतिक धरने हुए। फूलबाग चौराहे के पास गांधी उद्यान के गेट पर भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ के उस बयान के खिलाफ दो घंटे का मौन धरना दिया, जिसमें कमलनाथ ने अमर्यादित टिप्पणी करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी को इमरती देवी (Imrati Devi) को आइटम बोला। वहीं कांग्रेस ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा में हुई किसान की मौत के खिलाफ धरना दिया।
नदी गेट के पास सोमवार को कांग्रेस ने भी दो घंटे का धरना दिया। पार्टी के धरने में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (PC Sharma), विधायक प्रवीण पाठक (Pravin pathak) सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए। पीसी शर्मा ने कहा कि खंडवा के मांधाता में ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा में एक किसान की मौत के बाद भी सभा का जारी रहना बहुत निंदनीय है। उन्होंने सिंधिया से सवाल किया वे भाजपा में जाकर इतने संवेदनहीन कैसे हो गए? पूर्व मंत्री ने कमलनाथ द्वारा इमरती देवी का अपमान किये जाने के सवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा तो कई बार इमरती देवी का अपमान कर चुकी है। जब वे कांग्रेस सरकार में मंत्री थी तब 15 अगस्त के एक भाषण पर भाजपा ने उनका बहुत मजाक बनाया था और अब वे महिला सम्मान की बात कर रही है। किसान की मौत के बाद भी सभा का जारी रखना बताता है कि भाजपा को किसानों और आम जनता के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे पास रिकॉर्ड है शिवराज सिंह चौहान के शासन काल में महिला और बच्चियों पर अपराध के मामले में मध्यप्रदेश नंबर एक पर आ चुका है । भाजपा महिला अपराध और किसान की मौत पर धरना क्यों नहीं देती। उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा की जमीन खिसक गई है। जनता में मैसेज जा चुका है कि बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, गद्दारों की नहीं फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए। इसलिए भाजपा के नेता बौखला कर धरना देने का ढोंग कर रहे हैं । लेकिन प्रदेश की जनता सभी 28 सीटें कांग्रेस को जिताकर इनको सबक सिखायेगी।