मालवा निमाड़ अंचल में भाजपा-कांग्रेस ने झोंकी पूरी ताकत, बीजेपी ने बनाया वॉर रूम

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा (Assembly) की 28 सीटों पर होने वाले मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। अपनी सत्ता बचाने के लिए बीजेपी (BJP) ने विधानसभा सीटों पर नजर रखने वॉर रूम (War Room) तैयार किया, तो वहीं कांग्रेस (Congress) ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मालवा निमाड़ (Malwa Nimad) की 7 सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए बीजेपी ने वॉर रूम बनाया है, जिसका उद्घाटन पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (Former Loksabha Speaker Sumitra Mahajan) ने किया। यहां से सुवासरा, मांधाता, बदनावर, हाटपिपलिया, नेपानगर, आगर और सांवेर सीट पर नजर रखी जा सकेगी।

वॉर रूम के जरिए बीजेपी की एक पूरी टीम मालवा निमाड़ की सातों विधानसभा सीट सुवासरा, मांधाता, बदनावर, हाटपिपलिया, नेपानगर, आगर, सांवेर में होने वाले घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखेगी। दरअसल अब चुनाव लड़ने और जीतने का पैटर्न बदल गया है अब सिर्फ घर-घर जाकर वोट मांगने और हाथ जोड़ने से काम नहीं चलता। सामने वाले की गतिविधियों पर भी नजर रखनी पड़ती है कि वह कोई नया मुद्दा तो नहीं ला रहा जिससे जनता पर असर पड़े, उसका जवाब तैयार रखना पड़ता है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के कुछ इलाके ऐसे हैं जो हर बार तय करते हैं कि सत्ता किसके हाथ में होगी। ऐसा ही एक इलाका है मालवा-निमाड़ कहा जाता है कि यहां से सत्ता का रास्ता भोपाल के वल्लभ भवन तक पहुंचता है। पिछले तीन बार से मध्य प्रदेश में सरकार बनने का रास्ता मालवा निमाड़ से होकर जाने लगा है। जब से छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना है, मालवा निमाड़ मध्य प्रदेश का एक तरह से किंग मेकर बन गया है। पश्चिम मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन संभाग में फैले इस अंचल में आदिवासी और किसान तबके के मतदाताओं की बड़ी तादाद है।

सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर
मालवा क्षेत्र के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मालवा निमाड़ के उपचुनाव सिंधिया के प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। क्योंकि यह क्षेत्र भी उनके परिवार की रियायत का हिस्सा रहा है। लिहाजा वे अपने प्रभाव का उपचुनाव में इस्तेमाल करना चाहेंगे। पिछले चुनाव पर गौर करें तो सिंधिया अपने समर्थकों को भी चुनाव जिताने में नाकाम रहे थे। इस बार ऐसा ना हो इसे खुद सिंधिया एक बड़ी चुनौती के तौर पर देख रहे हैं।

इन सीटों पर कड़ा मुकाबला
सांवेर और सुवासरा विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला होगा। सांवेर सीट जहां पूरे मध्यप्रदेश में चर्चा में है, क्योंकि यहां सिंधिया के करीबी तुलसी सिलावट भाजपा से चुनावी मैदान में है तो कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू चुनावी मैदान में है। दोनों ही नेता चुनावी खेल के माहिर हैं और हर तरह के चुनाव लड़ने को तैयार हैं। अभी सांवेर में जो चल रहा है उसमें दोनों एक दूसरे पर भारी पड़ रहे हैं। सुवासरा की सीट की बात की जाए तो हरदीप सिंह डंग यहां भारी है जो भाजपा में चले गए हैं। वैसे कांग्रेस से राकेश पाटीदार चुनावी मैदान में है। पाटीदार इतना दमदार नाम नहीं है लेकिन बताया जा रहा है कि यहां भाजपा में भितरघात की आशंका है, जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। हाटपिपलिया में मनोज चौधरी भाजपा से कांग्रेस के सामने होंगे। जो माहौल वहां चौधरी के खिलाफ बन रहा है उसको लेकर कांग्रेस खुश है और यहां राजेंद्र सिंह बघेल को चुनाव मैदान में उतारकर यह सीट फिर से अपनी झोली में डालना चाहती है। वैसे यहां भी भितरघात से कांग्रेस को फायदा होने की संभावना है।

बदनावर में कांग्रेस के लिए मुश्किल
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस मान चुकी है कि बदनावर में कांग्रेस की स्थिति कमजोर है और उसके पास राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ही ऐसे उम्मीदवार थे जो मजबूत थे, लेकिन अब वह भाजपा के पाले में जा चुके हैं और चुनाव भी लड़ रहे हैं। कांग्रेस के पास वहां से कोई दमदार उम्मीदवार लड़ने के लिए नहीं है और कांग्रेसी ने यहां से कमल पटेल को मैदान में उतारा है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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