भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (by election) में जीत के लिए राजनीतिक दल पूरा जोर लगा रहे हैं। जनता के बीच पहुंच रहे कांग्रेस (congress) और भाजपा (bjp) के नेता एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं और आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कांग्रेस नेता तो भाजपा पर प्रशाासनिक बल का दुरुपयोग करने और अपने पक्ष में कार्य करवाने का आरोप तक लगा चुकी है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (kamalnath) ने मध्यप्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है।
कमलनाथ ने चुनाव आयोग (Election commission) को पत्र लिख कर मप्र पुलिस (mp police) की शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश पुलिस खुले तौर पर भाजपा उम्मीदवारो के लिए काम कर रही है और चुनाव आयोग के नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। इतना ही कमलनाथ ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पर भी आरोप लगाते हुए कई सवाल खड़े किए है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस चुनाव में हमारा मुकाबला भाजपा से ही नहीं बल्कि प्रशासनिक तंत्र से भी है। पुलिस- प्रशासन और अफसर वर्ग उनकी मदद कर रहे हैं। मैंने चुनाव आयोग को इस संबंध में पत्र लिखा है कि यह निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए। छोटे-छोटे शासकीय कर्मचारियों पर भाजपा के पक्ष में काम करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। कमलनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों के लिए चेतावनी भरे लहजे में कहा कि भाजपा के पक्ष में काम करने वाले अधिकारी यह जान ले कि 10 तारीख के बाद 11 भी आएगी।
प्रजातंत्र का उत्सव, सौदेबाजी- बिकाऊ का उत्सव हो गया
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा को 10 नवंबर को आने वाले परिणाम का अभी से अंदेशा हो गया है, इसलिये तो भाजपा परिणाम का इंतजार नहीं कर रही है, सौदेबाजी का खेल अभी से ही शुरू कर दिया है, अब उनके पास यही उपाय बचा है। वह जान लें कि मध्य प्रदेश की जनता सरल है, सीधी साधी है लेकिन बेहद जागरूक है। आज का मतदाता बहुत समझदार है। चुनाव तो प्रजातंत्र का उत्सव होता है लेकिन यह तो सौदेबाजी का उत्सव हो गया है, बिकाऊ उत्सव हो गया है।
मैं सौदेबाजी की राजनीति नहीं करुंगा
इस दौरान कमलनाथ ने साफ शब्दों में कहा कि मैं सौदेबाजी की राजनीति में विश्वास नहीं करता। मैं चाहता तो मैं भी ऐसी राजनीति कर सकता था लेकिन मै मध्य प्रदेश को कभी कलंकित नहीं होने दूंगा, मैं कभी भी सौदेबाजी की राजनीति नहीं करूंगा।कांग्रेस मध्यप्रदेश में सौदेबाजी की राजनीति नहीं कर एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी।
कांग्रेस विधायकों को आ रहे फोन
कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे हमारे कई विधायकों के फोन आ रहे हैं, वह बता रहे हैं कि बीजेपी उन्हें प्रलोभन दे रही है, पैसे का ऑफर दे रही है, एडवांस देने की बात कर रही है। भाजपा तो खुद ही कह रही है कि अभी दो-तीन विधायक और आ रहे हैं तो क्या बगैर सौदेबाजी के आ रहे हैं ? 7 महीने से तो हमारी सरकार भी नहीं है, जनता खुली आंखों से इनकी सच्चाई देख रही हैं। बीजेपी को जितनी सौदेबाजी की राजनीति करना हो करें, जितना प्रलोभन देना हो दे, हम सौदेबाज़ी से दूर रहेंगे।
देशभर में मप्र हुआ कलंकित
कमलनाथ ने कहा कि आज मध्यप्रदेश देश भर में कलंकित हो रहा है। जब एक गांव का साधारण व्यक्ति समझ रहा है कि किस कारण से हमारे प्रदेश में उपचुनाव हो रहे हैं तो क्या देश की जनता इस सच्चाई को नहीं समझती है ? 3 तारीख को प्रदेश की जनता तय करेगी कि वह प्रदेश का कैसा भविष्य चाहती हैं। भाजपा की इस सौदेबाज़ी से हमें फायदा ही होगा क्योंकि एक बार फिर उनकी सौदेबाजी की तस्वीर जनता के सामने आ गई है, जनता खुली आंखों से सब देख रही है। भाजपा ने इस सच्चाई को जान लिया है कि जमीनी धरातल पर इनकी वास्तविकता क्या है, इसीलिए तो यह सब कर रही है। यदि इनको सरकार बचाने वाली सीटों का आंकड़ा मिलता होता तो आज इन्हें सौदेबाज़ी की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।
मुझे प्रदेश के मतदाताओं पर पूरा विश्वास
कमलनाथ ने कहा है कि मुझे मध्य प्रदेश के मतदाताओं पर पूरा विश्वास है। मध्य प्रदेश का आज का मतदाता जागरूक व काफी समझदार है। आज के मतदाताओं की सोच व दृष्टिकोण में बड़ा अंतर है। मुझे अपने मतदाताओं पर व विधायकों पर पूर्ण विश्वास है। मैं सौदेबाजी कभी नहीं करूंगा, क्या भाजपा वाले मेरे संपर्क में नहीं है। चुनाव में कुछ दिन ही बचे हैं। 10 तारीख को परिणाम में भाजपा की भद पिटने वाली है , उसकी तैयारी भाजपा इस सौदेबाजी से अभी से ही कर रही है। मुख्यमंत्री बनना, कुर्सी व पद का लक्ष्य मेरा कभी नहीं रहा है। भाजपा तो प्रदेश में ऐसी राजनीति चाहती है कि न पंचायत चुनाव की आवश्यकता पड़े और ना पार्षद चुनाव की आवश्यकता पड़े, बोली बोलो और पार्षद -सरपंच चुन लो।