अभद्र टिप्पणी के विरोध में निकाली गई कमलनाथ की अर्थी, मांफी मांगने की उठाई मांग

Gaurav Sharma
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kamalnath cremation in sehore

सीहोर, अनुराग शर्मा । मध्यप्रदेश(madhya pradesh) के पूर्व सीएम (Former Cm) और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ (kamalnath) द्वारा प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी (Minister of Women and Child Development, Imrati Devi) पर की गई अभद्र टिप्पणी (Indecent remarks) को लेकर प्रदेश में बवाल (commotion) मचा हुआ है। बीजेपी (bjp) लगातार कमलमाथ (kamalnath) से मांफी (appologise) मांगने की मांग कर रही है।

वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ (Former CM Kamal Nath) और सीएम शिवराज सिंह (CM Shivraj singh) के बीच पत्र लिखने का दौर भी जारी है। बीते दिन से मध्यप्रदेश भाजपा (Madhya Pradesh BJP) लगातार कमलनाथ (kamalnath) के खिलाफ प्रदर्शन (Protest) कर रही है। सीएम शिवराज (CM Shivraj singh) के आव्हान पर प्रदेश व्यापी मौन व्रत रख प्रदर्शन किया गया। मध्यप्रदेश में कमलनाथ के खिलाफ कहीं पुतल जलाया जा रहा है तो कही उनके पुतले पर कालिख पोत चप्पल मारी जा रही है।

कमलनाथ (kamalnath) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (protest) लगातार प्रदर्शन तब से जारी जब से उन्होंने इमरती देवी (imarti devi) के खिलाफ टिप्पणी की है। इसी कड़ी में आज सीहोर (sehore) में कमलनाथ के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं  (Bjp workers) द्वारा कोतवाली चौराहे से कमलनाथ की अर्थी निकाली गई। कमलनाथ की अर्थी को मीरा टॉकीज चौराहे पर जलाया गया। बुधवार को भारतीय युवा मोर्चा ने मप्र सरकार की मंत्री एवं भाजपा नेता इमरती देवी के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी के विरोध में सतरस्ते पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अर्थी निकाली। भाजपा युवा कार्यकर्ताओं ने जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए।साथ ही कमलनाथ से माफी मांगने को कहा है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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