भोपाल डेस्क ब्यूरो। दमोह विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी की पराजय की समीक्षा में पूरा पार्टी संगठन जुट गया है। आखिरकार सरकार और संगठन के तमाम प्रयासों के बाद भी बीजेपी यह सीट क्यों नहीं जीत पाई, यह आत्ममंथन का विषय है। हालांकि इस बारे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने उम्मीदवार की व्यक्तिगत छवि को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
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कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुनाव लड़ने वाले राहुल लोधी की 17 हजार से ज्यादा वोटों से हुई पराजय बीजेपी को पच नहीं रही। पार्टी का पूरा फोकस इस चुनाव पर था और 20 से ज्यादा मंत्रियों सहित पार्टी का पूरा संगठन इस चुनाव में जी-जान से जुटा था। उसके बावजूद राहुल लोधी की पराजय ने पार्टी में हलचल मचा दी है। हार के फौरन बाद राहुल लोधी ने इसका ठीकरा पूर्व मंत्री जयंत मलैया और उनके परिवार पर फोड़ दिया। दमोह की सीट जयंत मलैया की परंपरागत सीट रही है और सात बार वे इस विधानसभा सीट से चुनकर विधायक बन चुके हैं। राहुल लोधी का आरोप है कि जयंत मलैया और उनके पुत्र ने सोची समझी रणनीति के तहत उन को निपटाया है। पार्टी के खिलाफ मलैया परिवार का काम करना मेरे लिए भारी पड़ गया, यह राहुल लोधी का कहना है और वे इसकी शिकायत पार्टी से करेंगे। साथ ही उन्होंने मलैया को पार्टी से निष्कासित करने की भी मांग की है।