भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों (Assembly seats) पर होने वाले उपचुनाव (Bye election) प्रतिष्ठा का सवाल बन गए है। एक तरफ कांग्रेस (Congress) चुनाव जीतकर दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए छटपटा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा (B J P) सत्ता में बने रहने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। सीएम शिवराज (CM Shivraj) खुद मोर्चा संभाले हुए है और ताबड़तोड़ जनसभाएं कर जनता तक पहुंच रहे हैं। वहीं अब भाजपा ने प्रचार प्रसार के लिए डिजिटल रथों (Digital chariots) को मैदान में उतारा है। सीएम शिवराज और वीडी शर्मा (VD Sharma) की फोटो से सजे इन रथों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) गायब है, जिसके बाद सवाल उठ रहे है कि ‘क्या सिंधिया एक बार फिर भाजपा के पोस्टर बॉय नहीं बन पाए’।
उपचुनाव के प्रचार प्रसार में तेजी लाने के लिए भाजपा ने डिजिटल रथ अभियान की शुरूआत की है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भाजपा कार्यालय से रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 28 सीटों पर अब एलईडी वीडियो की सुविधा से सुसज्जित रथ से प्रचार करेंगे। लेकिन रथों की रवानगी कार्यक्रम के दौरान हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई। दरअसल अपने ही गढ़ में चुनावी रथ से ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो नदारद थी। प्रचार के लिए डिजिटल रथ में लगे भाजपा के बैनर पोस्टर में सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की फोटो तो है लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो गायब रही। पोस्टर में एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अध्यक्ष वीडी शर्मा की फोटो लगी है। जबकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तस्वीर है। उपचुनाव में सबसे ज्यादा सीटें सिंधिया के रुतबे वाले ग्वालियर चंबल संभाग की है। ऐसे में चुनावी रथ से सिंधिया का फोटो नदारद होने पर राजनीतिक कानाफूसी तेज हो गई है। वहीं कांग्रेस इस मामले को भूनाने की कोशिश में भी जुट गई है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब भाजपा के पोस्टर में सिधिंया गैरमौजूद हो। इससे पहले भी कई मौकों पर पोस्टर राजनीति सामने आ चुकी है जब सिंधिया की फोटो भाजपा के बैनर और पोस्टरों से गायब रही है। बता दें कि भाजपा के डिजिटल अभियान में शिवराज है तो विश्वास है का नारा दिया गया है। डिजिटल रथ 28 विधानसभा में भ्रमण करेगी। वहीं मतदाताओं से बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील कार्यकर्ता वोटरों से करेंगे। ऐसे में एक बार फिर चुनावी रथ से सिंधिया की फोटो का नदारद होना कई सवाल पैदा कर रहा है।