भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| उपचुनाव (BY-election) के सियासी संग्राम में विवादित बयानबाजी का सिलसिला बढ़ता ही चला जा रहा है| मंच से नेता अपने बयानों से राजनीतिक मर्यादा की सारी सीमाएं पार करते नजर आ रहे हैं| मुरैना से कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर (Dinesh Gurjar) के विवादित बयान पर बवाल खड़ा हो गया है| उन्होंने कहा कि शिवराज तो भूखे-नंगे घर से पैदा हुए हैं। हमारे कमलनाथ (Kamalnath) देश के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति हैं। बीजेपी ने इसको मुद्दा बना लिया है, इसके पलटवार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि हाँ मैं ‘नंगे-भूखे’ परिवार से हूँ, इसी लिए उनका दुःख-दर्द समझता हूँ|
गुना जिले की विधानसभा बामौरी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शिवराज सिंह ने कहा कमलनाथ जी कह रहे थे कि शिवराज जहाँ जाता है, नारियल साथ लेकर जाता है। नारियल भगवान को चढ़ाया जाता है और जनता मेरी भगवान है। मैं जानता की पूजा करता हूँ, इसलिए कांग्रेस के नेताओं को मिर्ची लगती है। कांग्रेस के नेता कहते हैं कि शिवराज भूखे-नंगे घर का है। हाँ मैं हूँ भूखे-नंगे घर का हूं, मैं गरीबों का दर्द जनता हूँ, मैंने बीमारियाँ देखी है, गरीबी देखी है, समस्याएँ देखी हैं, बाढ़ देखी है, झोपड़ियों में रहने वालों का दर्द जाना है। उद्योगपति यह क्या जानें|
उद्योगपति की सरकार में वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बना था
सीएम शिवराज ने कहा यह देश गरीबों और किसानों का है। इनका दर्द इनके बीच में से आया हुआ व्यक्ति ही समझ सकता है। कमलनाथ जी तो महलों में रहने वाले लोगों में से एक हैं, उनको गरीबों के दर्द से क्या मतलब| उद्योगपति की सरकार बनी तो वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया। गरीब से किये वादे भुला दिये गये और दलालों को खुली बाहों से बुलाया जाने लगा। जब गरीब जनता को लाभ देने की बात आई, तो उद्योगपति ने कहा कि पैसे ही नहीं है। भूखे-नंगे घर के आदमी ने तो छह महीने में ही जनता को रु. 23,000 करोड़ से अधिक का लाभ दे डाला।
उद्योगपति की सरकार से अच्छी तो भूखे-नंगे की सरकार
उद्योगपति की सरकार से अच्छी तो भूखे-नंगे की सरकार है। इस सरकार के राज में जनता सुखी है, किसान खुश हैं और गरीबों की ज़िंदगी संवर रही है। कोरोना के प्रकोप के समय एक तरफ जहाँ उद्योगपति ‘आइफा अवॉर्ड’ की बैठक कर रहे थे, फिल्मस्टार के साथ फोटो खिंचवाने में व्यस्त थे, दूसरी तरफ भूखे-नंगे की सरकार ने जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ देना प्रारम्भ कर दिया, खज़ाना खोल दिया, कोरोना को नियंत्रित किया|
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कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी से कांग्रेस को ही नुकसान!
नारियल और घुटने टेक कर जनता को प्रणाम करने पर कांग्रेस ने शिवराज को घेरने की कोशिश की है| लेकिन मुख्यमंत्री ने कांग्रेस का यह दांव उलटा कर दिया और अब हर सभा में इसी का जिक्र कर खुद को जनता का सेवक बता रहे हैं| यह मामला थमा भी नहीं था कि दिनेश गुर्जर की टिप्पणी ने बीजेपी को एक और मौक़ा दे दिया| अब शिवराज समेत तमाम बीजेपी नेता शिवराज को एक गरीब किसान का बेटा बता कर इमोशनल कार्ड चल रहे हैं| कुल मिलाकर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी को भाजपा हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रही हैं|
हाँ… मैं ‘नंगे-भूखे’ परिवार से हूँ, इसी लिए उनका दुःख-दर्द समझता हूँ।
हाँ…मैं गरीब हूँ इसी लिए गरीब बेटे-बेटियों को मामा बन पढ़ाता हूँ।
गरीब हूँ इसी लिए गरीब माँ-बाप की बेटियों का कन्यादान करता हूँ।
गरीब हूँ, इसी लिए हर गरीब का दर्द समझता हूँ… प्रदेश को समझता हूँ। https://t.co/i4nBZGwFS3
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) October 12, 2020