उपचुनाव में आसान नहीं होगी इन 14 मंत्रियों की राह, करनी होगी कड़ी मशक्कत

Duty-of-deceased-employee-engaged-in-election-in-tikamgarh-

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 28 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव (By-election) में 14 मंत्री भी चुनावी मैदान में हैं। इनमें वह नेता भी शा‎मिल है जो कांग्रेस (Congress) की सरकार (Government) गिराने के बाद भाजपा (BJP) का दामन थाम चुके हैं। ऐसे नेताओं को अब अपने पुराने मतदाताओं से वोट मांगते समय उन्हें समझाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। नेताओं को अपने क्षेत्र के मतदाताओं के सवालों की बौछारों का सामना करना पड़ सकता है।

उपचुनाव में जो नेता अब भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं उनमें एदल सिंह कंसाना, सुरेश धाकड़, बृजेंद्र सिंह यादव, तुलसीराम सिलावट, गिर्राज डंडौतिया, गोविंद सिंह राजपूत, ओपीएस भदौरिया, डा. प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसौदिया, हरदीप सिंह दांग और बिसाहूलाल सिंह का नाम शा‎‎मिल हैं।

6 मंत्री समेत 22 विधायकों ने छोड़ी थी कांग्रेस
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों सहित 22 विधायकों ने कमल नाथ सरकार (Government) से समर्थन वापस लेते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद सभी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। जिसके बाद मार्च 2020 में कांग्रेस की कमल नाथ की सरकार (Government) गिर गई। शिवराज सिंह चौहान की सरकार (Government) बनने के बाद नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर, मांधाता से नारायण पटेल और मलहरा सीट से प्रद्युम्न लोधी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए।

2 सीटें पहले ही हो गई थी रिक्त
इसके पहले आगर से भाजपा के विधायक मनोहर ऊंटवाल और जौरा से कांग्रेस के विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन की वजह से पहले ही दो सीटें रिक्त हो चुकी थीं। हाल में ब्यावरा से कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी के निधन के बाद एक और सीट रिक्त हो गई। जिसके बाद मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें है, जिनमें से 28 पर उपचुनाव हो रहा है।

भाजपा को 9 और कांग्रेस 28 सीटों की जरूरत
भाजपा के पास अभी 107 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 9 सीटों पर जीत की जरूरत है। वहीं कांग्रेस के पास 88 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 28 सीटों पर जीत की जरूतर है। लेकिन अगर कांग्रेस मिली जुली सरकार (Government) के बनाने की सोचती है तो उसे 21 सीटों पर जीत की जरूरत होगी। बहुमत के आंकड़े से दूर होने पर सात बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो जाएगी। मालूम हो कि मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को मतगणना होगी। उपचुनाव की घोषणा होने के साथ सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने 28 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

इस सीटों पर ये है प्रत्याशी
प्रदेश की जौरा ‎विधानसभा सीट से पंकज उपाध्याय (कांग्रेस) – सुबेदार सिंह राजौधा (भाजपा) – सोनेराम कुशवाह (बसपा), सुमावली – अजय सिंह कुशवाह (कांग्रेस) – एंदल‍ सिंह कंषाना (भाजपा) – राहुल डंडौतिया (बसपा), मुरैना – राकेश मावई (कांग्रेस) – रघुराज सिंह कंषाना (भाजपा) – रामप्रकाश राजौरिया (बसपा), दिमनी – रविंद्र सिंह तोमर (कांग्रेस) – गिर्राज डंडौतिया (भाजपा) – राजेंद्र सिंह कंषाना (बसपा), अंबाह (अजा) – सत्य प्रकाश रखवार (कांग्रेस) – कमलेश जाटव (भाजपा) – भानूप्रताप संखवार (बसपा), मेहगांव – हेमंत कटारे (कांग्रेस) – ओपीएस भदौरिया (भाजपा) – योगेश नरवरिया (बसपा), गोहद (अजा) – मेवाराम जाटव (कांग्रेस) – रणवीर सिंह जावट (भाजपा) – जसवंत पटवारी (बसपा), ग्वालियर – सुनील शर्मा (कांग्रेस) – प्रद्युम्न सिंह तोमर (भाजपा) – हरपाल मांझी (बसपा), ग्वालियर पूर्व – सतीश सिकरवार (कांग्रेस) – मुन्नालाल गोयल (भाजपा) – महेश बघेल (बसपा), डबरा (अजा) – सुरेश राजे (कांग्रेस) – इमरती देवी (भाजपा) – संतोष गौड (बसपा), भांडेर (अजा) – फूलसिंह बरैया (कांग्रेस) – रक्षा संतराम सरौनिया (भाजपा) – महेंद्र बौद्ध (बसपा), करैरा (अजा) – प्रागीलाल जाटव (कांग्रेस) – जसमंत जाटव छितरी (भाजपा) – राजेंद्र जाटव (बसपा), पोहरी – हरिवल्लभ शुक्ला (कांग्रेस) – सुरेश धाकड़ (भाजपा) – कैलाश कुशवाह (बसपा), बामोरी – कन्हैयालाल अग्रवाल (कांग्रेस) – महेंद्र सिंह सिसौदिया (भाजपा) – रमेश डाबर (बसपा), अशोक नगर (अजा) – आशा दोहरे (कांग्रेस) – जजपाल सिंह जज्जी (भाजपा) – सु स्ट्रोम बिलिन भंडारी (बसपा), मुंगावली – कन्हैयालाल लोधी (कांग्रेस) – बृजेंद्र सिंह…


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News