जब 1971 के युद्ध में जनरल नियाज़ी के साथ 93 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों ने किया था भारतीय सेना के सामने सरेंडर, जानें 16 दिसंबर विजय दिवस के बारे में

विजय दिवस के खास अवसर पर आज दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और मौन रखकर जवानों की शौर्य गाथाओं को याद किया।

Sanjucta Pandit
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Vijay Diwas 2024 : आज पूरे देश भर में विजय दिवस मनाया जा रहा है। सरकार और सेनाओं द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जहां भारतीय सेनाओं की शौर्य गाथाओं को याद किया जाता है। विशेष झांकियां निकाली जाती हैं। इस खास मौके पर कोलकाता में स्थित भारतीय सेना की पूर्वी कमान फोर्ट विलियम में विजय दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारी सहित बांग्लादेश के सैनिक भी शामिल हुए।

वहीं, देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस खास मौके पर दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित कर मौन रखा और सैनिकों की शौर्य गाथाओं को याद किया।

इन लोगों ने दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने ऑफिशियल अकाउंट X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “विजय दिवस पर उन सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि, जिन्होंने 1971 के युद्ध में भारत को विजय दिलाई। राष्ट्र हमेशा उन वीरों के बलिदान को याद करता है और करता रहेगा।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऑफिशियल अकाउंट X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “विजय दिवस के अवसर पर हम उन सैनिकों के साहस और बलिदान को नमन करते हैं, जिन्होंने भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। उनका बलिदान और समर्पण इतिहास में अमिट रहेगा।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा, “आज का दिन भारत के लिए बहुत खास है। देश भारत के सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को सलाम करता है। भारत कभी भी उनके बलिदान को नहीं भूलेगा।”

पाकिस्तानी सैनिकों ने किया था भारतीय सेना के सामने सरेंडर

बता दें कि आज के दिन, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान की सेना के जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके साथ ही पाकिस्तान ने 3 दिसंबर 1971 की रात भारतीय वायुसेना के 11 ठिकानों पर हमला किया, जबकि पाकिस्तान के 2000 सैनिकों ने 65 टैंकों और एक मोबाइल इन्फेंट्री ब्रिगेड के साथ राजस्थान की लोंगेवाला पोस्ट पर हमला किया।

लगभग 13 दिनों के युद्ध के बाद भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी, जब 16 दिसंबर को पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के. नियाज़ी ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसी के साथ बांग्लादेश के नाम से एक नए राष्ट्र का गठन हुआ।


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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