Justice Shekhar Kumar Yadav : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, जहां उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव द्वारा दिए गए बयान का समर्थन किया और और विपक्ष पर उनके खिलाफ ले जा रहे महाभियोग प्रस्ताव की खुलकर निंदा की।
बता दें कि जज शेखर कुमार यादव द्वारा दिए गए बयान के समर्थन में अब कई सीनियर वकील खुलकर सामने आए हैं। साथ ही खुले मंच पर चर्चा कराने की मांग की जा रही है।
जज शेखर यादव के समर्थन में आए सीएम योगी
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव के समर्थन में आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके द्वारा कही बात को नेक बात बताया। योगी ने कहा देश में समान नागरिक संहिता (UCC) होनी चाहिए एक ओर दुनिया के अंदर बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का हर हाल में सम्मान होता है, ऐसे में यदि कोई भारत में अगर बहुसंख्यक समाज के हितों की कोई चर्चा कर ले, सच्चाई बोले, तो यह कौन सा बड़ा अपराध हो गया।
बोलें- यह संविधान का गला घोंटने वाले लोग हैं
विपक्ष द्वारा राज्यसभा में जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग की नोटिस प्रस्ताव की बात कर योगी ने कहा कि, ये लोग अपने आप को लोकतांत्रिक कहते हैं, संविधान की पुस्तक साथ में लेकर चलते हैं, इन्हें तनिक भी शर्म नहीं है, यह लोग संविधान का गला घोंटने वाले लोग हैं।
यूसीसी को लेकर कही ये बात
यूसीसी को लेकर योगी ने कहा कि सामान नागरिक कानून देश के अंदर नहीं होना चाहिए क्या? दुनिया के अंदर व्यवस्थाएं वैसे ही संचालित होती हैं जैसे बहुसंख्यक समाज चाहता है फिर भी भारत और इसका बहुसंख्यक समाज कह रहा है कि अल्पसंख्य और बहुसंख्यक का भेद समाप्त होना चाहिए, सब लोगों पर एक समान कानून लागू होना चाहिए, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है।
बात आगे बढ़ाते हुए योगी ने कहा, महाभियोग प्रस्ताव एक तरह से धौंस है, ये लोग जबरन अपने दम पर देश चलाना चाहते हैं क्योंकि ये उनकी पुरानी आदत है। देश तमाशा देख रहा है, इन सभी को एक्सपोज करने की जरूरत है।
जज शेखर कुमार यादव ने दिया था ये बयान
बता दें, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव द्वारा प्रयागराज में आयोजित विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर कहा था कि देश में रहने वाले बहुसंख्यकों के अनुसार ही देश चलेगा। एक से ज्यादा पत्नी रखने, तीन तलाक और हलाला के लिए कोई बहाना नहीं है, यह प्रथाएं अब नहीं चलेंगी। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और यह मुद्दा पेचीदा बन गया।
SC कॉलेजियम ने जज को भेजा नोटिस
वहीं, SC कॉलेजियम ने इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा है। साथ ही विवादित बयान पर स्पष्टीकरण देने को भी कहा गया है। मीडिया सूत्रों के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम द्वारा मामले में 17 दिसंबर से पहले विचार-विमर्श कर लिया जाएगा।