26/11 आतंकी हमले के 15 साल पूरे, 60 घंटे की दशहत, 166 लोगों की गई थी जान, दहल उठा था मुंबई शहर, पढ़ें पूरी दास्तां

Manisha Kumari Pandey
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26/11 attack

26/11 Attack Anniversary: 26/11 भारतीय इतिहास का ऐसा काला दिन जिसे भूला नहीं जा सकता है। आज आतंकी हमले की 15वीं बरसी है। 26 नवंबर 2008 को मुंबई शहर दहल उठा। इस हमले में 166 लोगों की जान चली गई। करीब 300 लोग घायल हुए। 10 आतंकी कराची से नाव के रास्ते मुंबई आए। आतंकियों ने शिवाजी टर्मिनल, लियोपोल्ड कैफे, शहर के तीन बड़े होटलों को अपना निशाना बनाया। तीन दिनों तक अंतकवादियों और सुरक्षा बल में मुठभेड़ चलती रही और पूरा देश सहमा रहा।

एक-एक पल रहा मुश्किल..

लश्कर-ए तैयाब कर 10 आतंकवादी 23 नवंबर 2023 को कराची के रास्ते नाव से मुंबई पहुंचे। उन्होनें नाव पर सवार 4 भारतीयों को मारकर कब्जा किया था। रात 8 बजे कोलाबा पास मछली बाजार में उतरे और 4 हिस्सों में बँटकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में आतंक मचाया। उन्होनें पहला निशाना छत्रपती शिवाजी टर्मिनल को बनाया। रात को करीब 9 बजे दो हमलावरों ने तबातोड़ फायरिंग की। इसमें अमजल कसाब भी शामिल था। इस गोलीबारी में 57 लोग मारे गए। 100 से अधिक लोग घायल हुए। इसके बाद आतंकियों ने प्रसिद्ध रेस्तरां लियोपोल्ड कैफे को आपका शिकार बनाया। 10 लोगों की जान चली गई। पारले इलाके में करीब रात 10 बजे एक टैक्सी को बम से उड़ाने की खबर आई। इस दौरान कई लोग मारे गए। वहीं 15 से अधिक लोग घायल हुए।

तीन दिनों तक चला संघर्ष, सहमी रही मायानगरी

अंतकियों ने ताज होटल, ओबरॉय ट्राइडेन्ट होटल और नरीमन हाउस को अपना अगला निशाना बनाया। इस दौरान ताज होटल में करीब 450 लोग और ओबरॉय ट्राइडेन्ट होटल में 300 से अधिक लोग मौजूद थे। हमलावरों से सभी मेहमानों को बंधक बना लिया, जिसमें कई विदेशी भी शामिल थे। ताज होटल में अंधाधुंध फायरिंग हुई। लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने और छुपने लगे। तीनों होटल को मैरिन कमांडो, आरपीएफ और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड ने घेर लिया। अंतकवादियों और सुरक्षा बल के बीच तीन दिनों तक संघर्ष चलता रहा। 29 नवंबर को 9 आतंकवादियों को सुरक्षा बल ने ढेर कर दिया। पुलिस से अमजल कसाब को गिरफ्तार कर लिया, जिसे फांसी हो चुकी है।

 


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