यह कोई पहली बार नही है जब अरविन्द केजरीवाल के आम आदमी होने का ढोंग का पर्दाफाश हुआ है, इसके पहले भी बात जनता के करोड़ों रूपये विज्ञापन में खर्च करने की हो या फिर अपने और अपने परिवार के इलाज में हुए खर्च पर अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के करोडो रूपये अपनी वीआईपी लाइफ स्टाइल जो जीने में खर्च किये।
मुख्यमंत्री बनने से पहले अरविन्द केजरीवाल ने बड़े बड़े वादे किये थे की “घर नही लूँगा” “कार नही लूँगा” “वीआईपी कल्चर को भारत की राजनित से खत्म कर दूंगा” पर उनके द्वारा किये गए सरे वादे खोखले साबित हुए।
आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक पाण्डेय के द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को ऑनलाइन माध्यम से एक आरटीआई दायर की गई थी जिसमें अरविंद केजरीवाल एवं उनके मंत्री-मंडल के लिए कार खरीदने में दिल्ली सरकार के द्वारा किये गए खर्च की गई राशि का विवरण माँगा गया था एवं किस वर्ष कौनसी कार दिल्ली सरकार के द्वारा खरीदी गई उसकी भी जानकरी मांगी थी लेकिन खुद आरटीआई एक्टिविस्ट रहे अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार से आरटीआई में अधूरी जानकारी दी। कारों का नाम एवं किस वर्ष में कौन सी कार की खरीदी की गई उनकी जानकारी छुपा ली गई।
आरटीआई से प्राप्त हुई जानकारी के हिसाब से वर्ष 2014 से अबतक अरविन्द केजरीवाल ने 1.43 करोड़ रुपये अपनी मन पसंद करें खरीदने में खर्च कर दिए। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की कार खरीदें में दिल्ली सरकार ने 44,29,515 लाख रूपये खर्च कर दिए, सत्येंद्र कुमार जैन के लिए कार खरीदने में 44,79,052 लाख रूपये खर्च, गोपाल राय के लिए कार खरीदने में 40,35,871 लाख रूपये खर्च, कैलाश गहलोत ( 37,77,000) राजेंद्र पाल गौतम (37,78,522) और इमरान हुसैन (37,60,922) लाख रूपये कार खरीदने में दिल्ली सरकार के द्वारा अबतक खर्च कर दिए गए। कुल 3,85,96,017 रूपये वर्ष 2014 से अब तक दिल्ली सरकार के द्वारा कारें खरीदने में खर्च कर दिए गए।