केजरीवाल और उनके मंत्रियों की कारों पर 3 करोड़ 85 लाख रुपये हुए खर्च, आरटीआई से हुआ खुलासा

नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं भारत से सबसे आम आदमी अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal), वह व्यक्ति, जिन्होंने 2013 के दिल्ली चुनावों से पहले अपने साधारण व्यवहार के लिए दिल्ली ही नही बल्कि देश की जनता का बहुत ध्यान आकर्षित किया था, जिस मामूली नीले रंग की वैगनार कार में वह सवार हुआ करते थे और आम आदमी होने का डिंडौरा पीटते नही थकते थे आखिर क्या बात थी जो उनका ऐसा हृदय परिवर्तन हुआ की मुख्यमंत्री बनते ही दिल्ली की जनता के करोडो रूपये अपनी मन-पसंद कारें खरीदने में खर्च कर दिए?

यह कोई पहली बार नही है जब अरविन्द केजरीवाल के आम आदमी होने का ढोंग का पर्दाफाश हुआ है, इसके पहले भी बात जनता के करोड़ों रूपये विज्ञापन में खर्च करने की हो या फिर अपने और अपने परिवार के इलाज में हुए खर्च पर अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के करोडो रूपये अपनी वीआईपी लाइफ स्टाइल जो जीने में खर्च किये।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”