कर्मचारियों पेंशनरों को 18 महीने के बकाया डीए एरियर का इंतजार, संघ ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र, क्या मिलेगा लाभ?

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7th Pay Commission 18 Month DA Arrears : 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों ( Central Government employees) के लिए बड़ी खबर है। एक तरफ होली से पहले 4 फीसदी फिर महंगाई भत्ता बढ़ना तय माना जा रहा है, वही दूसरी तरफ 1 फरवरी 2024 को पेश होने वाले बजट में कर्मचारियों पेंशनरों को 18 महीने के डीए एरियर पर कोई फैसला होने की उम्मीद है, इसके लिए भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के महासचिव एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा है। हालांकि केन्द्र सरकार कई बार संसद में साफ कर चुकी है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

क्या लिखा है पत्र में

अमर उजाला की खबर के मुताबिक, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के महासचिव एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य, मुकेश सिंह ने 20 जनवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा है और मांग की है कि डीए एरियर की भुगतान अविलंब जारी किया जाए। तब केंद्र सरकार ने आर्थिक स्थिति सही नहीं होने का हवाला दिया था, लेकिन अब देश की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। सरकार को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि कोरोनाकाल के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान सभी सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों ने अपना योगदान दिया था। सरकार को अब 18 माह के डीए का एरियर जारी करना चाहिए।

2020 से 2021 तक का बकाया है एरियर

दरअसल, केन्द्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों का जुलाई 2020 से जनवरी 2021 तक का डीए का एरियर बकाया है, चुंकी 4 साल पहले कोरोना काल में केन्द्र सरकार ने 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों व 64 लाख पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते/महंगाई राहत पर रोक लगा दी गई थी, जिसकी वे लंबे समय से मांग कर रहे है। वही बीते साल खबर आई थी कि 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट सत्र 2023 में इस पर फैसला हो सकता है या फिर इसकी राशि के आवंटन पर कोई जानकारी दी जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।अब 1 फरवरी 2024 को मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश होने वाला है, ऐसे में कर्मचारियों पेंशनरों को फिर से उम्मीद जाग गई है।

कई बार कर्मचारी-पेंशनर्स संघ लिख चुके है पत्र

इस संबंध में स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने भी 18 अगस्त 2022 को कैबिनेट सेक्रेटरी एवं नेशनल काउंसिल ‘जेसीएम’ के चेयरमैन को पत्र लिखा था और एरियर की राशि जारी करने के लिए केंद्र सरकार को यह विकल्प भी दिया था कि वह इसके लिए कोई मैकेनिज्म तैयार करना चाहती है, तो उसके लिए कर्मचारी, सरकार का मदद करेंगे। कैबिनेट सचिव को लिखे अपने पत्र में जेसीएम सेक्रेटरी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा फरवरी 2021 में दिए गए एक फैसले का भी हवाला दिया था । वही पेंशनरों और पेंशनर्स संघ ने भी पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इसे बहाल करने की अपील की थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया।

संसद में केन्द्रीय मंत्री ने दिया था ये जवाब

बीते साल केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने डीए एरियर के सवाल पर लिखित में जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए/डीआर की 3 किस्तों का एरियर दिए जाने की कोई योजना नहीं है। 1 जनवरी 2020 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 को जारी किए जाने DA को फ्रीज करने का फैसला कोरोना महामारी से पैदा हुए आर्थिक व्यवधान के चलते लिया गया था, जिससे सरकार पर वित्तीय बोझ को कम किया जा सके, जिसका असर 2020-21 और उसके बाद भी देखा गया है।बकाये डीए का एरियर 2020-21 के लिए है जिसे देना उचित नहीं समझा गया है, अभी भी सरकार का वित्तीय घाटा एफआरबीएम एक्ट (FRBM Act) के तहत तय किए गए लेवल से दोगुना है।

जानिए DA Arrear का पूरा कैलकुलेशन

  • नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम के शिवगोपाल मिश्रा का कहना है कि लेवल-1 के कर्मचारियों का DA एरियर 11,880 रुपए से लेकर 37,554 रुपए के बीच बनता है।
  • लेवल-13 (7TH CPC बेसिक पे-स्केल 1,23,100 रुपए से 2,15,900 रुपए) या लेवल-14 (पे-स्केल) के लिए कैलकुलेशन की जाएगी तो एक कर्मचारी के हाथ में महंगाई भत्ता एरियर का 1,44,200 रुपए से 2,18,200 रुपए का भुगतान किया जाना है।
  • अगर कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है, उसे 3 महीने के हिसाब से बकाया डीए एरियर (4,320+3,240+4,320) = 11,880 रुपये मिल सकता है।अगर कर्मचारी का मूल वेतन 56,000 रुपये है उसे 3 महीने का (13,656 + 10,242 + 13,656) = 37,554 रुपये का डीए एरियर भुगतान किया जाना है।
  • लेवल-13 (7TH CPC बेसिक पे-स्केल 1,23,100 रुपये से 2,15,900 रुपये) ।लेवल-14 (पे-स्केल) के लिए DA एरियर का 1,44,200 रुपये से 2,18,200 रुपये भुगतान किया जाना है।।

(यह आंकड़े एक उदाहरण के तौर पर दर्शाए गए है, इसमें बदलाव हो सकता है।)


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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