खुशखबरी : 2023 में फिर कर्मचारियों की सैलरी में आएगा बंपर उछाल! DA के साथ बढ़ेंगे कई भत्ते, जानें ताजा अपडेट

Pooja Khodani
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Central Employee DA Hike 2023:  केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए गुड न्यूज है। नए साल 2023 में एक बार फिर बड़ा तोहफा मिल सकता है। संभावना जताई जा रही है कि AICPI इंडेक्स के आंकड़ों में लगातार उछाल के बाद कर्मचारियों का 3 से 5 फीसदी तक वृद्धि की जा सकती है। इसकी घोषणा मार्च 2023 तक की जा सकती है वही इसे जनवरी से लागू किया जा सकता है। हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।

दरअसल,केन्द्र सरकार द्वारा कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (Dearness Relief) दोनों को साल में दो बार जनवरी और जुलाई में संशोधित किया जाता है। 2022 में यह रिवाईज किया जा चुका है, अब 2023 में इसका ऐलान होने की संभावना है। दूसरी छमाही में AICPI इंडेक्स के नंबर्स से तय होगा कि जनवरी 2023 में कितना महंगाई भत्ता (Dearness allowance) बढ़ेगा।  जनवरी 2023 में होने वाला इजाफा दिसंबर तक आए आंकड़ों के हिसाब से होगा।

42 या 43 फीसदी होगा DA

वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों को 38 फीसदी डीए का लाभ मिल रहा है और संभावना जताई जा रही है कि नए साल में केन्द्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों का डीए 3 से 5 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है, जिसके बाद यह 42 या 43 फीसदी हो सकता है। चुंकी हाल ही में AICPI इंडेक्स में कुल 2.1 फीसदी की तेजी आई है, सितंबर में ये आंकड़ा 131.2 पर रहा है। दिसंबर 2022 तक के आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ते बढ़ेगा, अभी सितंबर तक के आंकड़े आए हैं और अक्टूबर नवंबर दिसंबर के आने बाकी है।

27000 तक बढेगी सैलरी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 4 फीसदी महंगाई भत्ते में वृद्धि होने पर 18000 रूपए सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को प्रति महीने 720 रूपए और सालान सैलरी में 8640 रूपए का इजाफा होगा। वही 56900 रुपए सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के डीए में 2276 रूपए महीना और 27312 रूपए सालाना वृद्धि देखने को मिल सकती है। वही पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (DR) भी बढ़ा सकती है। इसका लाभ 48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा। संभावना है कि मार्च 2023 में होली के आसपास इसका ऐलान किया जा सकता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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