7th pay Commission, Employees GPF : प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल उनके GPF पर बड़ी अपडेट सामने आई है। इसके लिए शासनादेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं इस की लिमिट भी तय कर दी गई है। जारी लिमिट के तहत की अधिकतम सीमा तक राशि खाते में रखी जाएगी।
यूपी सरकार के कर्मचारी अब सामान्य निधि खाते में सालाना 5 लाख से अधिक धनराशि जमा नहीं कर पाएंगे। शासनादेश जारी करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि जीपीएफ खाते की धनराशि की अधिकतम सीमा ₹5 लाख निर्धारित की गई है। 1 अप्रैल 2005 से पहले नियुक्त हुए राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आते हैं। ऐसे में उन्हें जीपीएफ की सुविधा प्राप्त हुई है। ऐसे कर्मचारियों की संख्या उत्तर प्रदेश में आठ लाख के करीब है।
यह थे नियम
वहीं कर्मचारियों के वेतन के 10% कटौती उनके जीपीएफ खाते में जमा की जाती है लेकिन अभी तक GPF में रकम जमा करने की कोई अधिकतम लिमिट तय नहीं की गई थी। जिसके कारण बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारी किसी भी सीमा तक जीपीएफ की कटौती करा रहे थे। दरअसल अधिक सीमा तक जीपीएफ कटौती कराने की एक वजह बैंकों की सावधि जमा की ब्याज दर से GPF की ब्याज दर अधिक होना भी था।
नियम तय
इतना ही नहीं जीपीएफ में जमा धनराशि पर मिलने वाले ब्याज भी अभी तक इनकम टैक्स से मुक्त थे। हालांकि अब इनकम टैक्स विभाग द्वारा नियम में संशोधन किया गया है। इसके तहत GPF में सालाना 5 लाख से अधिक की राशि जमा करने पर उससे मिलने वाले ब्याज को इनकम टैक्स के दायरे में लाया गया है। इसके साथ ही विभाग ने यह भी कहा है कि कोई भी व्यक्ति पूरे वर्ष में जीपीएफ खाते में 5 लाख से अधिक राशि जमा नहीं कर सकते हैं।
जीपीएफ नियमावली में संशोधन
इसके लिए वर्ष 2022 में केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए जीपीएफ नियमावली में संशोधन किया गया था। वही आयकर विभाग की ओर से आयकर नियमावली 1962 में किए गए बदलाव के बाद केंद्र सरकार द्वारा यह बदलाव किए गए थे। अब केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा सामान्य भविष्य निधि नियमावली में संशोधन किया गया है। उत्तर प्रदेश सामान्य भविष्य निधि नियमावली 1985 में संशोधन करते हुए शासनादेश भी जारी कर दिए हैं।