7th pay Commission, 18 Months Arrears, DA Arrears : केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है 18 महीने के एरियर पर बड़ी अपडेट सामने आई है। जो कर्मचारियों को राहत दे सकती है। एक बार फिर से 18 महीने के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के भुगतान की चर्चा शुरू हो गई है। स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ने कैबिनेट सचिव को एक बार फिर से पत्र लिखा है।
केंद्र सरकार के लगभग 47 लाख कर्मचारियों सहित 62 लाख पेंशन भोगियों के लिए बड़ी खबर है। कर्मचारियों की तरफ से बकाया 34402.32 करोड़ रुपए भुगतान करने के लिए फिर से दोबारा लड़ाई शुरू कर दी जाएगी। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के वरिष्ठ सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) के सचिव श्री कुमार ने बड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग के साथ ही 18 महीने के DA-DR के भुगतान की लड़ाई लड़ी जाएगी। इस मामले में कैबिनेट सचिव को स्टाफ साइड के द्वारा 18 महीने के लिए भुगतान के लिए पत्र लिखा गया है।
केंद्र सरकार का बयान
इतना ही नहीं वित्त मंत्रालय को प्रतिवेदन भी दिया गया है बता दें कि कर्मचारी संघ पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग के साथ nps की समाप्ति की भी मांग के लिए आंदोलन कर रही है। उसी बीच का एरियर का मुद्दा एक बार फिर से उठाया जा रहा है। ₹34000 करोड़ से अधिक के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का भुगतान करने से केंद्र सरकार ने मना कर दिया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के मुताबिक अभी भी केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटा एफआरबीएम अधिनियम में दर्शाए स्तर से दुगनी से अधिक चल रहा है। जिसके कारण कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को एरियर का लाभ देना संभव नहीं है।
एरियर पर अपडेट
बता दें कि जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की 3 किस्ते कोरोना काल में रोक ली गई थी। उस वक्त कर्मचारियों में संस्कृत का भुगतान नहीं किया गया था। सरकार ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कही थी। जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने उस वक्त कैबिनेट सचिव के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया था।
हालांकि उम्मीद जताई जा रही थी कि कर्मचारियों को जल्दी बकाया राशि मिल जाएगी लेकिन इस बजट सत्र में भी सरकार ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। इधर बजट सत्र के दौरान सरकार ने यह बात मानी के लिए की बकाया राशि के लिए कई कर्मचारी संगठनों की ओर से आवेदन प्राप्त हुए थे। हालांकि इस संबंध में किसी भी तरह से साफ नहीं कहा गया है कि एरियर का भुगतान किया जाएगा।केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा परिस्थिति में DA जारी करना व्यवहारिक नहीं है। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को ₹34000 करोड़ रुपए से अधिक के एरियर का भुगतान नहीं करेगी।
कर्मचारी संघ की मांग
वही कर्मचारी संगठन की माने तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि ऐसे मामले में कर्मचारियों को 6 फीसद ब्याज के साथ उसका भुगतान किया जाता है। इसके साथ ही एआईडीइफ के महासचिव श्री कुमार का कहना है कि सरकार के मन में खोट है। कर्मचारियों के महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को 2020 से 18 महीने के लिए रोक दिया गया था। 11 फ़ीसदी का भुगतान रोका केंद्र सरकार द्वारा ₹40000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बचाई गई है। कर्मचारी संगठन का कहना है कि प्रतिनिधियों द्वारा एरियर भुगतान के लिए सरकार को कई तरह के विकल्प दिए गए हैं लेकिन सरकार द्वारा इन विकल्पों को मान्य नहीं किया जा रहा है।
कैबिनेट सचिव को पत्र
कैबिनेट सचिव को जेसीएम की 48वीं बैठक में भी पत्र लिखा गया था। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया गया था। इसमें सेक्रेटरी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के मुताबिक आर्थिक संकट के कारण कर्मचारियों के वेतन पेंशन को अस्थाई रूप से रोका जा सकता है।इस स्थिति में सुधार होने पर इसे कर्मचारियों को वापस देना होता है जो कर्मचारियों का अधिकार है। ऐसे में इनके भुगतान कानून के मुताबिक होने चाहिए। अब एक बार फिर से 18 महीने के बकाया एरियर को लेकर कर्मचारी संगठन द्वारा नई नीति अपनाई जाएगी। पुरानी पेंशन योजना की मांग सहित एरियर भुगतान की मांग पर भी सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी गई है।s