New Pay Commission, 7th pay Hike : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। उन्होंने वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। नए वेतन आयोग के गठन के लिए समिति का गठन किया गया था। सातवें वेतन आयोग को विस्तार दिया गया है। नए वेतन आयोग के लिए कर्मचारियों को 6 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
वेतन आयोग को 6 महीने का विस्तार
कर्नाटक में अभी तक अगले मुख्यमंत्री को लेकर संशय की स्थिति बरकरार है। कांग्रेस की तरफ से तो कोई फैसला नहीं किया गया है। इस बीच का कर्नाटक सातवें वेतन आयोग को 6 महीने का विस्तार देने की खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व मुख्य सचिव सुधाकर राव की अध्यक्षता में सातवें वेतन आयोग को 6 महीने का विस्तार दिया गया।
इससे पहले पैनल का गठन ने बीते साल मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा किया गया था। बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा नवंबर 2022 में वेतन आयोग के गठन के लिए समिति का गठन किया गया था। वही सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 6 महीने का समय दिया गया था। जिसके समय सीमा 19 मई को समाप्त हो रही है।
समिति में शामिल सदस्य
नए आदेश में सरकार ने पैनल की समय सीमा को 19 मई से 6 महीने के लिए विस्तारित किया है। पैनल में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राममूर्ति और सेवानिवृत्त कर्नाटक राज्य लेखा परीक्षक और लेखा विभाग के प्रधान निदेशक श्रीकांत वनहल्ली सदस्य के रूप में शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक वित्त विभाग के उप सचिव द्वारा आदेश जारी किया गया है।
समिति का कार्य
सातवें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों स्थानीय निकाय और विश्वविद्यालय के गैर शिक्षण कर्मचारियों ने यूजीसी, एआईसीटीई, आईसीएआर स्केल में वेतन आहरित करने वालों और सेवानिवृत्ति कर्मचारियों की सुविधाओं की समीक्षा की जाएगी। एक नए वेतन आयोग की भी सिफारिश की जाएगी, जो प्रभावी होगा।
राज्य के केंद्रीय वेतनमान अपनाने की समीक्षा करने के साथ ही मकान किराया भत्ता, नगरीय भत्ता, यात्रा का सुविधा प्रदान करने के लिए भी राज्य सरकार के फार्मूले का निर्माण किया जा रहा है। इतना ही नहीं चिकित्सा सुविधा के निर्धारण की तैयारी की जा रही है। संशोधन सेवा निर्वित वेतन और संबंधित सुविधाएं आदि के लिए भी तैयारी की जा रही है।
6000 करोड़ निर्धारित
पिछले बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण के लिए 6000 करोड़ निर्धारित किए गए थे। वही मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पहले यह बात कही थी। मुख्य सचिव सुधाकर की अध्यक्षता में सातवें वेतन आयोग पहले ही बन चुका है। इसके लिए 6000 करोड़ रुपए रखे गए है। वही मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि धन की आवश्यकता होगी तो पूरक बजट से उसे उपलब्ध कराया जाएगा।
12000 से 18000 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ बढ़ने के आसार
वही आंकड़ों की माने तो कर्नाटक में सातवें वेतन आयोग के लागू होने से पहले साल करोड़ों रुपए का वित्तीय बोझ बढ़ेगा। मीडियम टर्म प्लान के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के लागू होने से पहले ही साल 12000 से ₹18000 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ बढ़ने के आसार जताए हैं।