लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। पुरानी पेंशन और महंगाई भत्ते समेत 11 सुत्रीय मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने एक बार फिर से योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। योगी सरकार को घेरने के लिए आज 7 नवंबर को पूरे प्रदेश में धरना दिया जा रहा है और मांगे पूरी ना होने पर आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की तैयारी है। संघ की तरफ से ऐलान किया गया है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में कर्मचारी उग्र आंदोलन को विवश होंगे।
संघ के कर्मचारियों का कहना है कि राजस्थान, पंजाब, झारखंड समेत कई राज्यों में इसको लागू कर दिया गया लेकिन यूपी सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।इसके अलावा परिषद की राज्य कर्मचारियों को केन्द्र के समान भत्तों की मांग, पं. दीनदयाल उपाध्याय कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना एवं वेतन विसंगतियों का निस्तारण की मांग है। ऐसे में जल्द ही मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने को विवश होगा। जिसका खामियाजा सरकार को आगामी चुनावों में भी देखने को मिलेगा
ये है प्रमुख मांगे
- राज्य कर्मचारियों को पूर्व में मिल रही पेंशन व्यवस्था मूल रूप से बहाल की जाए।
- एक अप्रैल 2005 से चयनित प्रशिक्षणाधीन राजस्व लेखपाल व अन्य सवर्ग को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ दिया जाए।
- राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों के रोके गए तथा समाप्त किए गए महंगाई व अन्य भत्ते को बहाल किया जाए।
विभागीय पदोन्नति किया जाए। - विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर अभियान चलाकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की जाए।
- शिक्षकों को भी कैशलेस योजना का लाभ दिया जाए, साथ ही चिकित्सा सुविधाओं से जोड़ा जाए।
- चिकित्सा नियमावली में पति /पत्नी को भी आश्रित की श्रेणी में जोड़ा जाए।