कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, इस भत्ते में 5 गुना ज्यादा इजाफा, वेतन में 30 हजार तक की होगी वृद्धि

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। हर साल 7th pay commission के तहत केंद्रीय कर्मचारियों (employees) के वेतन (salary) में महंगाई भत्ते (DA) के रूप में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा, उन्हें पदोन्नति (promotion) और अन्य भत्तों का भी लाभ मिलता है। यदि कोई कर्मचारी नौकरी करते हुए उच्च डिग्री (higher degree) अर्जित करता है तो उसे अब इस डिग्री का लाभ अलग से मिलेगा। केंद्र सरकार ने उच्च डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि को 5 गुना तक बढ़ा दिया है। इसके तहत PHD जैसी उच्च डिग्री वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि को 10,000 रुपये से 30,000 बढ़ाकर रुपये कर दिया गया है।

कार्मिक मंत्रालय ने उच्च डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के लिए 20 साल पुराने नियमों में संशोधन किया है। पुराने नियमों के तहत अब तक नौकरी के दौरान उच्च डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों को एकमुश्त 2000 से लेकर रु.10,000 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी। वहीँ संशोधन के बाद वर्ष 2019 से इस प्रोत्साहन राशि को न्यूनतम रु.2000 से बढ़कर रु.10,000 कर दिया गया। जिसके बाद अब कर्मचारियों को उच्च डिग्री प्राप्त करने पर अधिक प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा।

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कार्मिक मंत्रालय द्वारा इसके लिए सर्कुलर जारी किया गया जिसके मुताबिक 3 साल से कम का डिप्लोमा कोर्स करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन के रूप में ₹10000 का भुगतान किया जाएगा इसके अलावा 3 साल से ज्यादा की डिग्री या डिप्लोमा के लिए जाने पर 15000 भुगतान किए जाएंगे वह 1 वर्ष से कम की डिग्री या डिप्लोमा डिग्री होने पर ₹20000 प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जबकि 1 वर्षीय उसके अधिक अवधि के पीजी डिप्लोमा करने वाले कर्मचारियों को 25000 दिए जाएंगे वहीं पी एच डी एस के समकक्ष योग्यता रखने वाले कर्मचारियों को 30000 प्रोत्साहन राशि के रूप में भुगतान किए जाएंगे।

कार्मिक मंत्रालय ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि शुद्ध शैक्षणिक शिक्षा या साहित्यिक विषयों में उच्च योग्यता प्राप्त करने पर कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा। कर्मचारी द्वारा प्राप्त की गई डिग्री/डिप्लोमा कर्मचारी के पद से संबंधित होनी चाहिए या यह डिग्री उसके अगले पद पर किए जा रहे कार्य से संबंधित होनी चाहिए। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि क्षमता और कार्य के बीच सीधा संबंध होना चाहिए। ये बदलाव साल 2019 से प्रभावी हैं।


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